tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post2718373387060371445..comments2023-11-26T00:36:15.978-08:00Comments on "लिंक-लिक्खाड़": प्रेमालापी विदग्धा, चाट जाय सब धात-रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-80196772249626050612012-06-22T08:40:33.360-07:002012-06-22T08:40:33.360-07:00अटकना ठीक
सटकना नहीं ।
बाकी दौड़ते रहिये ।अटकना ठीक<br />सटकना नहीं ।<br /><br />बाकी दौड़ते रहिये ।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-5555269420055169952012-06-22T02:13:27.424-07:002012-06-22T02:13:27.424-07:00मांसाहारी मन-मचा, मदन मना महमंत ।
पाऊं-खाऊं छोड़ द...मांसाहारी मन-मचा, मदन मना महमंत ।<br />पाऊं-खाऊं छोड़ दूँ, शंका जन्म अनंत ।<br />शंका जन्म अनंत, फटाफट पट पर पैनी ।<br />नजर चीरती चंट, सहे न मन बेचैनी ।<br />चला मारने दन्त, मगर जागा व्यभिचारी ।<br />फिर जीवन-पर्यंत, चूमता मांसाहारी ।।क्या बात है भाई साहब आनुप्रासिक छटा और रति वर्रण को साहित्यिक तेवर दिए हैं आपने ...<br /><br />.<br /><br />बृहस्पतिवार, 21 जून 2012<br />सेहत के लिए उपयोगी फ़ूड कोम्बिनेशन<br />सेहत के लिए उपयोगी फ़ूड कोम्बिनेशन <br /><br />वाह क्या बात है .बढ़िया छायांकन .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-3650078848280827622012-06-22T02:10:16.862-07:002012-06-22T02:10:16.862-07:00आपके अंगों का आकार
ध्यान आते ही गिरता धात।, .कृपय...आपके अंगों का आकार <br />ध्यान आते ही गिरता धात।, .कृपया यहाँ भी पधारें -<br />क्या बात है सर .बेहतरीन प्रस्तुति .<br /><br />बृहस्पतिवार, 21 जून 2012<br />सेहत के लिए उपयोगी फ़ूड कोम्बिनेशन<br />सेहत के लिए उपयोगी फ़ूड कोम्बिनेशनvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-26598161787865115592012-06-21T22:29:41.582-07:002012-06-21T22:29:41.582-07:00बेहतरीन प्रस्तुति ।बेहतरीन प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-68961368814053805802012-06-21T22:16:20.545-07:002012-06-21T22:16:20.545-07:00यह विषय अश्लीलता वाले काव्य पर है |
लिंक देखिये -
...यह विषय अश्लीलता वाले काव्य पर है |<br />लिंक देखिये -<br /> आचार्य परशुराम राय जी का इस बार का पाठ यहाँ http://manojiofs.blogspot.in/2012/06/116.html पढ़कर जानिये....कि काव्य में किन परिस्थितयों में अश्लील दोष भी गुण हो जाता है.<br />और वह शृंगार 'रस' के घर में न जाकर 'रसाभास' की दीवारें लांघता हुआ दिखायी देता है.रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-82748096664490801232012-06-21T22:04:08.066-07:002012-06-21T22:04:08.066-07:00किसी भी शब्द से छेड़छाड़ मत करना,अनर्थ हो जायेगा !...किसी भी शब्द से छेड़छाड़ मत करना,अनर्थ हो जायेगा !<br /><br />...संकेत देते ही क्यों हो ?संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-69321512375808655172012-06-21T22:00:01.020-07:002012-06-21T22:00:01.020-07:00बहुत बढ़िया सुंदर प्रस्तुति,बहुत बढ़िया सुंदर प्रस्तुति,धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.com