tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post4142542788648076537..comments2023-11-26T00:36:15.978-08:00Comments on "लिंक-लिक्खाड़": अगर लगे उत्कृष्ट, यथोचित दीजे अभिमतरविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-43728544140396960402012-12-03T02:15:49.970-08:002012-12-03T02:15:49.970-08:00वाह वाह वाह अपनी आशुकविता का रविकर रूप देख कर स्तब...वाह वाह वाह अपनी आशुकविता का रविकर रूप देख कर स्तब्ध रह गई बहुत ही रोचक लिखा है आपने दिल से बधाई आदरणीय रविकर भाई Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-9619827864284452342012-12-03T00:47:45.152-08:002012-12-03T00:47:45.152-08:00सही कहा है आपने ब्लोगियों को चिरकुट पसंद हैं समालो...सही कहा है आपने ब्लोगियों को चिरकुट पसंद हैं समालोचक नहीं .अब बाहर तो शब्द ही होते हैं आदमी की मंशा आप नहीं भांप सकते .हम सदाशयता से ही टिपण्णी करतें हैं आलोचनात्मक भी .ज्ञान बघारने के लिए नहीं फिर भी कई मर्तबा उसे अन्यथा ले लिया जाता है .फोलो अप नहीं है टिप्पणियों का .एक तरफ़ा लोग संवाद बंद कर देते हैं .हाँ अगर आपके ब्लॉग पे कोई नियमित आ रहा है तो शालीनता का तकाजा है आप महानता का अपना लबादा उतार फैंके कभी तो उसकी भी हौसला अफजाई करें अगर वह गलत राय दे रहा है आप प्रति राय दे उसे ठीक करें .<br /><br />मौजू मुद्दे उठाए हैं आपने .<br /><br />इतना बढ़िया लिखा है ,दाद दे ,मर -बे -हवा कह .<br /><br />मियाँ रविकर मुलायम अली न बनो ,कुछ तो लिहाज़ करो ,टिपण्णी स्पेम ले रहा है आप क्या कर रहे हो जी ?<br /><br />ये आशु रचना बा -कायदा लिखी गई रचना से बढ़िया है राजेश जी कुमारी .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-22645230313046407152012-12-03T00:47:17.566-08:002012-12-03T00:47:17.566-08:00ये आशु रचना बा -कायदा लिखी गई रचना से बढ़िया है रा...ये आशु रचना बा -कायदा लिखी गई रचना से बढ़िया है राजेश जी कुमारी .<br /><br />तेरा क्षणिक मिलना ऐ मेरी पड़ोसन मुझसे लघु कथा लिख वाये <br />तेरे आने की महक मन मोहिनी दीप्ती मेरे छंदों में बस जाए<br /><br />ऑन दा स्पॉट बनी रचना<br />Rajesh Kumari <br /> HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR<br />करते हैं खिलवाड़ तो, रचना बने कमाल ।<br />शब्द शब्द श्रृंगार रस, चले लहरिया चाल ।<br />चले लहरिया चाल, मुक्त मुक्तावलि चमके ।<br />पड़ोसिनी लघु-कथा, बदन बिजुली सा दमके ।<br />कहीं मोहिनी रूप, काम-रति कहीं विचरते ।<br />खुले तीसरा नेत्र, दिखें पर कविता करते ।।<br /><br />प्रत्युत्तर देंहटाएंvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-14137440057237939702012-12-03T00:39:53.880-08:002012-12-03T00:39:53.880-08:00सही कहा है आपने ब्लोगियों को चिरकुट पसंद हैं समालो...सही कहा है आपने ब्लोगियों को चिरकुट पसंद हैं समालोचक नहीं .अब बाहर तो शब्द ही होते हैं आदमी की मंशा आप नहीं भांप सकते .हम सदाशयता से ही टिपण्णी करतें हैं आलोचनात्मक भी .ज्ञान बघारने के लिए नहीं फिर भी कई मर्तबा उसे अन्यथा ले लिया जाता है .फोलो अप नहीं है टिप्पणियों का .एक तरफ़ा लोग संवाद बंद कर देते हैं .हाँ अगर आपके ब्लॉग पे कोई नियमित आ रहा है तो शालीनता का तकाजा है आप महानता का अपना लबादा उतार फैंके कभी तो उसकी भी हौसला अफजाई करें अगर वह गलत राय दे रहा है आप प्रति राय दे उसे ठीक करें .<br /><br />मौजू मुद्दे उठाए हैं आपने .<br /><br />इतना बढ़िया लिखा है ,दाद दे ,मर -बे -हवा कह .<br /><br />मियाँ रविकर मुलायम अली न बनो ,कुछ तो लिहाज़ करो ,टिपण्णी स्पेम ले रहा है आप क्या कर रहे हो जी ?virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-5959868726211426502012-12-03T00:39:28.062-08:002012-12-03T00:39:28.062-08:00मियाँ रविकर मुलायम अली न बनो ,कुछ तो लिहाज़ करो ,ट...मियाँ रविकर मुलायम अली न बनो ,कुछ तो लिहाज़ करो ,टिपण्णी स्पेम ले रहा है आप क्या कर रहे हो जी ?virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-44485423057300009162012-12-03T00:38:15.278-08:002012-12-03T00:38:15.278-08:00
मौजू मुद्दे उठाए हैं आपने .
इतना बढ़िया लिखा है ...<br />मौजू मुद्दे उठाए हैं आपने .<br /><br />इतना बढ़िया लिखा है ,दाद दे ,मर -बे -हवा कह .<br /><br />नपाक जमीं पर कसाब बोते हैं<br />कोख सूनी या फिर बंजर कर दे<br /><br />मंजर दिखा रहे हैं बारूदों का<br />लग जाये गले ऐसा मंतर दे<br /><br /><br />मौजू मुद्दे उठाए हैं आपने .<br /><br />इतना बढ़िया लिखा है ,दाद दे ,मर -बे -हवा कह .<br /><br />कव्वाली<br />UMA SHANKER MISHRA <br />उजबक गोठ<br /><br />लाल लगा जो लाल को, हुआ लाल-कव्वाल |<br />लालबुझक्कड़ लालमन, खाए मिर्ची लाल |<br />खाए मिर्ची लाल, गजलखाते में डाले |<br />ब्लॉग रहे आबाद, एक से एक मसाले |<br />लालायित नहिं उमा, वहां सम्बन्ध सगा जो |<br />जाता है हर समय, खीज नहिं लाल लगा जो-<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-12655621156110349542012-12-03T00:33:04.450-08:002012-12-03T00:33:04.450-08:00सही कहा है आपने ब्लोगियों को चिरकुट पसंद हैं समालो...सही कहा है आपने ब्लोगियों को चिरकुट पसंद हैं समालोचक नहीं .अब बाहर तो शब्द ही होते हैं आदमी की मंशा आप नहीं भांप सकते .हम सदाशयता से ही टिपण्णी करतें हैं आलोचनात्मक भी .ज्ञान बघारने के लिए नहीं फिर भी कई मर्तबा उसे अन्यथा ले लिया जाता है .फोलो अप नहीं है टिप्पणियों का .एक तरफ़ा लोग संवाद बंद कर देते हैं .हाँ अगर आपके ब्लॉग पे कोई नियमित आ रहा है तो शालीनता का तकाजा है आप महानता का अपना लबादा उतार फैंके कभी तो उसकी भी हौसला अफजाई करें अगर वह गलत राय दे रहा है आप प्रति राय दे उसे ठीक करें .<br /><br />मौजू मुद्दे उठाए हैं आपने .<br /><br /><br /><br />लिखना, पढ़ना और टिपियाना<br />smt. Ajit Gupta <br />अजित गुप्ता का कोना<br />आजादी टिप्पणी की, फिर करना क्यूँ खेल ।<br />तथ्य समाहित हों अगर, तभी भेजिए मेल ।<br />तभी भेजिए मेल, उठा पढ़ने की जहमत ।<br /> अगर लगे उत्कृष्ट, यथोचित दीजे अभिमत । <br />रविकर की कुंडली, श्रेष्ठ रचना की आदी ।<br />छाप लिंक-लिक्खाड़, टीप की दे आजादी ।।<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-72946807310460261712012-12-03T00:31:45.139-08:002012-12-03T00:31:45.139-08:00लहरों के हवाले छोड़ दो नौका .हाँ प्रमाद नहीं दृष्ट...लहरों के हवाले छोड़ दो नौका .हाँ प्रमाद नहीं दृष्टा भाव से देखो सब -तुलसी भरोसे राम के ,रह्यो खाट पे सोय ,अनहोनी ,होनी नहीं ,होनी होय सो होय .<br /><br /><br />"बताओ कैसे उतरें पार?" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) <br />उच्चारण <br /><br /><br /> छेद नाव में जर्जर-नौका, कभी नहीं नाविक घबराये । <br />जल-जीवन में गहरे गोते, सदा सफलता सहित लगाये ।<br />इतना लम्बा जीवन-अनुभव, नाव किनारे पर आएगी -<br />पतवारों पर हमें भरोसा, सागर सगरा पार कराये ।।virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-79246938586030274142012-12-03T00:28:02.431-08:002012-12-03T00:28:02.431-08:00सही कहा है आपने ब्लोगियों को चिरकुट पसंद हैं समालो...सही कहा है आपने ब्लोगियों को चिरकुट पसंद हैं समालोचक नहीं .अब बाहर तो शब्द ही होते हैं आदमी की मंशा आप नहीं भांप सकते .हम सदाशयता से ही टिपण्णी करतें हैं आलोचनात्मक भी .ज्ञान बघारने के लिए नहीं फिर भी कई मर्तबा उसे अन्यथा ले लिया जाता है .फोलो अप नहीं है टिप्पणियों का .एक तरफ़ा लोग संवाद बंद कर देते हैं .हाँ अगर आपके ब्लॉग पे कोई नियमित आ रहा है तो शालीनता का तकाजा है आप महानता का अपना लबादा उतार फैंके कभी तो उसकी भी हौसला अफजाई करें अगर वह गलत राय दे रहा है आप प्रति राय दे उसे ठीक करें .<br /><br />मौजू मुद्दे उठाए हैं आपने .<br /><br /><br />लिखना, पढ़ना और टिपियाना<br />smt. Ajit Gupta <br />अजित गुप्ता का कोना<br />आजादी टिप्पणी की, फिर करना क्यूँ खेल ।<br />तथ्य समाहित हों अगर, तभी भेजिए मेल ।<br />तभी भेजिए मेल, उठा पढ़ने की जहमत ।<br /> अगर लगे उत्कृष्ट, यथोचित दीजे अभिमत । <br />रविकर की कुंडली, श्रेष्ठ रचना की आदी ।<br />छाप लिंक-लिक्खाड़, टीप की दे आजादी ।।<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-36232584756150931702012-12-02T22:28:20.979-08:002012-12-02T22:28:20.979-08:00बहुत बढ़िया कुंडलियों से टिपण्णी दी है आपने सभी उम...बहुत बढ़िया कुंडलियों से टिपण्णी दी है आपने सभी उम्दा रचनाओं में ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-48837390733935079802012-12-02T20:44:06.677-08:002012-12-02T20:44:06.677-08:00बहुत ही अच्छे लिंक्स संयोजित किये हैं आपने ... आ...बहुत ही अच्छे लिंक्स संयोजित किये हैं आपने ... आभारसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-74281390893998066892012-12-02T20:24:51.319-08:002012-12-02T20:24:51.319-08:00आपके कमेंट रूपी दोहे मेरी पोस्ट को ओर अधिक निखार द...आपके कमेंट रूपी दोहे मेरी पोस्ट को ओर अधिक निखार देते है और मुझ जेसे नौ-सिखियों को हौसला भी। यूँ ही हौसला-अफजाई करते रहिएगा।<br /><br />आपका बहुत बहुत धन्यवाद गुरु जी। :)) Rohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-40485573780960648052012-12-02T17:13:49.016-08:002012-12-02T17:13:49.016-08:00मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु बहुत बहुत आभार!मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु बहुत बहुत आभार!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-13181620023106953082012-12-02T17:10:58.408-08:002012-12-02T17:10:58.408-08:00बहुत ही अच्छे लिंक्स संयोजित किये हैं आपने ... आ...बहुत ही अच्छे लिंक्स संयोजित किये हैं आपने ... आभार इस प्रस्तुति के लियेसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-50903318470080835782012-12-02T10:02:54.203-08:002012-12-02T10:02:54.203-08:00बहुत ख़ूब!
आपकी यह सुन्दर प्रविष्टि कल दिनांक 03-...बहुत ख़ूब! <br />आपकी यह सुन्दर प्रविष्टि कल दिनांक 03-12-2012 को <a href="http://charchamanch.blogspot.com" rel="nofollow"><b>सोमवारीय चर्चामंच-1082</b></a> पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ<br />चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-49713157141489676562012-12-02T10:01:52.818-08:002012-12-02T10:01:52.818-08:00बहुत ख़ूब!
आपकी यह सुन्दर प्रविष्टि कल दिनांक 03-...बहुत ख़ूब! <br />आपकी यह सुन्दर प्रविष्टि कल दिनांक 03-12-2012 को <a href="http://charchamanch.blogspot.com" rel="nofollow"><b>सोमवारीय चर्चामंच-1082</b></a> पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ<br />चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-72821168478923221482012-12-02T05:20:35.681-08:002012-12-02T05:20:35.681-08:00बहुत बहुत धन्यवाद अंकल।
सादर बहुत बहुत धन्यवाद अंकल। <br /><br />सादर Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-71950971633962143932012-12-02T05:17:20.435-08:002012-12-02T05:17:20.435-08:00सुन्दर बात सुन्दर बात Anonymousnoreply@blogger.com