tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post4374648523774347149..comments2023-11-26T00:36:15.978-08:00Comments on "लिंक-लिक्खाड़": एक पहर तो छोड़, कहे अपना जो नारी -रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-34127337191267029002012-10-22T17:26:38.980-07:002012-10-22T17:26:38.980-07:00सजग और संगत उक्तियाँ ,
महाष्टमी मंगलमय हो !सजग और संगत उक्तियाँ ,<br />महाष्टमी मंगलमय हो !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-43218902676373617542012-10-22T10:26:53.265-07:002012-10-22T10:26:53.265-07:00.सार्थक प्रस्तुति हेतु साधुवाद
दुर्गा अष्टमी की....सार्थक प्रस्तुति हेतु साधुवाद <br /><a rel="nofollow">दुर्गा अष्टमी की सभी को हार्दिक शुभकामनायें</a>Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-60333756767241088782012-10-22T09:38:34.850-07:002012-10-22T09:38:34.850-07:00
कैंची कैसी कतरनी, करती किच-किच काम।
लूट सम्पदा दे...<br />कैंची कैसी कतरनी, करती किच-किच काम।<br />लूट सम्पदा देश की, भर लेता गोदाम ।<br />भर लेता गोदाम, शानशौकत से राजा ।<br />ले गरीब की जान, घुटाले घटते ताजा ।<br />सुन लो नेता लाट, झेल रविकर खुरपैंची ।<br />चारो खाने चित्त, मार के लंगड़ी-कैंची ।।<br /><br />चारो शब्द पर ब्लॉग जगत में विवाद है -चारो चारो मत करो घिर जाओगे चारों तरफ से .बढ़िया प्रस्तुति है भाई साहब .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-12003054909120300322012-10-22T09:38:02.030-07:002012-10-22T09:38:02.030-07:00
कैंची कैसी कतरनी, करती किच-किच काम।
लूट सम्पदा दे...<br />कैंची कैसी कतरनी, करती किच-किच काम।<br />लूट सम्पदा देश की, भर लेता गोदाम ।<br />भर लेता गोदाम, शानशौकत से राजा ।<br />ले गरीब की जान, घुटाले घटते ताजा ।<br />सुन लो नेता लाट, झेल रविकर खुरपैंची ।<br />चारो खाने चित्त, मार के लंगड़ी-कैंची ।।<br /><br />कैंची कैसी कतरनी, करती किच-किच काम।<br />लूट सम्पदा देश की, भर लेता गोदाम ।<br />भर लेता गोदाम, शानशौकत से राजा ।<br />ले गरीब की जान, घुटाले घटते ताजा ।<br />सुन लो नेता लाट, झेल रविकर खुरपैंची ।<br />चारो खाने चित्त, मार के लंगड़ी-कैंची ।।<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com