tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post4551692885303633939..comments2023-11-26T00:36:15.978-08:00Comments on "लिंक-लिक्खाड़": झूठी शान दिखाय, रखे नित हाई टम्पो -रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-62465907778890533042012-10-30T21:11:32.235-07:002012-10-30T21:11:32.235-07:00बहुत सुन्दर ..पहली बार आना हुआ ... लिंक्स का अच्छा...बहुत सुन्दर ..पहली बार आना हुआ ... लिंक्स का अच्छा कलेक्सन डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-14659899853749868732012-10-30T18:19:20.439-07:002012-10-30T18:19:20.439-07:00गुदगुदाता है,हंसाता है,भाता है,'लिंक-लिक्खाड़&...गुदगुदाता है,हंसाता है,भाता है,'लिंक-लिक्खाड़'|<br />'नीरसता'पर लगाता है,प्यारे 'रसफुल्लों की बाड़'<br />दूर हर सियासत से,बटोरे हुये 'प्यार का गुलदस्ता'-<br />दोटूक कहता अहि,न कोई 'उखाड' न कोई 'पछाड़'|| देवदत्त प्रसूनhttps://www.blogger.com/profile/06275143755319297820noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-39653658232695241512012-10-29T08:40:15.908-07:002012-10-29T08:40:15.908-07:00
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार ३...<br />आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार ३० /१०/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है |Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-21694798539684869632012-10-29T06:41:57.619-07:002012-10-29T06:41:57.619-07:00एक समाचार पढ़ा था -
बिधवा माँ को बीटा मथुरा छोड़ आया...एक समाचार पढ़ा था -<br />बिधवा माँ को बीटा मथुरा छोड़ आया था-<br />और दूसरी खबर-<br />बिध्वाओं का अंतिम संस्कार भी नहीं किया जाता -<br />टुकड़े टुकड़े कर के चीलों के खाने के लिए छोड़ दिया जाता है- मथुरा से ही यह खबर भी-<br />उधर ही इशारा था -<br />त्वरित कुंडली शायद भाव स्पष्ट नहीं कर पाई-<br />क्षमा -<br />अर्थ का अनर्थ हो गया ||<br />सादर -<br />इस ब्लॉग पर अबतक २५०० काव्यमयी टिप्पणियां हैं लिंक सहित कभी कभी आते रहिये-रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-73575854903973460672012-10-29T04:56:03.241-07:002012-10-29T04:56:03.241-07:00बहुत खूब लाजबाब प्रस्तुति,,,
RECENT POST LINK...:...बहुत खूब लाजबाब प्रस्तुति,,,<br /><br />RECENT POST LINK<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/10/blog-post_29.html#links" rel="nofollow">...: खता,,,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-15002211001153612222012-10-29T04:09:49.745-07:002012-10-29T04:09:49.745-07:00आपकी कविताएं जादुई असर डालती हैं। मन करता है मैं भ...आपकी कविताएं जादुई असर डालती हैं। मन करता है मैं भी ऐसा लिखूं, पर ...मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-73712331413034442222012-10-29T03:53:49.913-07:002012-10-29T03:53:49.913-07:00जब एनीमल प्रोडक्ट खाने से नहीं कोई गुरेज़
फिर गुड...जब एनीमल प्रोडक्ट खाने से नहीं कोई गुरेज़ <br />फिर गुड खावें गुल्गुल्ले से कहते करो परहेज़ <br />कितनी दवाओं में होता है, नीरीह एनिमल पार्ट <br />आदि काल से आयुर्वेद भी था इसमें एक्सपर्ट <br />पाषण युग में खेत नहीं थे, तब का खाते थे पुरखे ?<br />आज भी जो रहते बर्फ, मरु में, क्या रहेंगे भूखे ?<br />जिसको जो रुचता है खाने देवो अपनी देखो लल्ला <br />सामिष, निरामिष की काहे की बिन बात का हल्ला <br />कोई उल्टा एक्ट नहीं है सब सीधा है मेरी मईया <br />वो दूध को सामिष कहते हैं और मांस को भी सामिष भईया <br />स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-59779989594803206402012-10-29T03:50:36.382-07:002012-10-29T03:50:36.382-07:00जब एनीमल प्रोडक्ट खाने से नहीं कोई गुरेज़
फिर गुड...जब एनीमल प्रोडक्ट खाने से नहीं कोई गुरेज़ <br />फिर गुड खावें गुल्गुल्ले से कहते करो परहेज़ <br />कितनी दवाओं में होता है, नीरीह एनिमल पार्ट <br />आदि काल से आयुर्वेद भी था इसमें एक्सपर्ट <br />पाषण युग में खेत नहीं थे, तब का खाते थे पुरखे ?<br /> आज भी जो रहते बर्फ, मरु में, क्या रहेंगे भूखे ?<br />जिसको जो रुचता है खाने देवो अपनी देखो लल्ला <br />सामिष, निरामिष की काहे की बिन बात का हल्ला <br />स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-77717327932825642262012-10-29T03:25:09.629-07:002012-10-29T03:25:09.629-07:00वाह क्या कहने!
छंदों में टिप्पणियाँ आप ही कर सकते ...वाह क्या कहने!<br />छंदों में टिप्पणियाँ आप ही कर सकते हैं!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-88346172769386545922012-10-29T00:46:22.779-07:002012-10-29T00:46:22.779-07:00यह अंदाज़ तो सिर्फ आपका ही हो सकता है यह अंदाज़ तो सिर्फ आपका ही हो सकता है M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-54890314863853159842012-10-28T23:02:49.272-07:002012-10-28T23:02:49.272-07:00बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
आभार
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।<br /><br />आभार<br /><br />सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-16507153142909708362012-10-28T22:54:37.621-07:002012-10-28T22:54:37.621-07:00सुंदर रचना सुंदर रचना travel ufohttps://www.blogger.com/profile/15497528924349586702noreply@blogger.com