tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post7659432536376402574..comments2023-11-26T00:36:15.978-08:00Comments on "लिंक-लिक्खाड़": गंगा-दामोदर ब्लॉगर्स एसोसियेशन -रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-11062774342582585512012-09-23T23:43:04.492-07:002012-09-23T23:43:04.492-07:00वाह ... बेहतरीन वाह ... बेहतरीन सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-48317702597493219232012-09-23T22:15:55.554-07:002012-09-23T22:15:55.554-07:00badhiya raha.
Mubarak.badhiya raha.<br /><br />Mubarak.DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/04030809631254208656noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-43977393405265687452012-09-23T20:58:38.601-07:002012-09-23T20:58:38.601-07:00बहत खूब भाई साहब .
रविवार, 23 सितम्बर 2012
ब्लॉग...बहत खूब भाई साहब .<br /><br /><br />रविवार, 23 सितम्बर 2012<br />ब्लॉग जगत में शब्द कृपणता ठीक नहीं मेरे भैया ,<br /><br /><br />ब्लॉग जगत में शब्द कृपणता ठीक नहीं मेरे भैया ,<br /><br />नाव भंवर में अटक गई तो ,कोई नहीं नहीं खिवैया |<br /><br />विषय बड़ा सपाट है अभिधा में ही आगे बढेगा ,लक्षणा और व्यंजना की गुंजाइश ही नहीं मेरे भैया .चिठ्ठा -कारी भले एक व्यसन बना कईओं का ,फिर भी भैया सहजीवन है यहाँ पे छैयां छैयां <br /><br />.चल छैयां छैयां छैयां छैयां .आ पकड मेरी बैयाँ बैयाँ .<br /><br />क्यों शब्द कृपण दिखता है रे ! कन्हैयाँ?<br /><br />धन कंजूस चल जाता है .भई किसी का कुछ ले नहीं रहा ,अपना फायदा कर रहा है .सीधा सा गणित है कंजूसी का :मनी नोट स्पेंट इज मनी सेव्ड .लेकिन यहाँ मेरे राजन यह फार्मूला लगाया तो सारे समर्थक ,अभी तलक टिपियाए लोग आपके दायरे से बाहर आ जायेंगें .शब्द कृपणता आपको आखिर में निस्संग कर देगी .आप भले "निरंतर ",लिखें "सुमन" सा खिलें ,<br /><br />साथ में चिठ्ठा -वीर और बिना बघनखे धारे चिठ्ठा -धीर दिखें .आखिर में कुछ होना हवाना नहीं है सिवाय इसके -<br /><br />चल अकेला चल अकेला ,चल अकेला ,तेरा "चिठ्ठा "कच्चा फूटा राही चल अकेला .<br /><br />यहाँ कुछ लोग आत्म मुग्ध दिखतें हैं .आत्म संतुष्ट भी .महान होने का भी भ्रम रखतें हैं/रखती हैं .आरती करो इनकी करो इनकी "वंदना "हो सकता है हों भी महान .शिज़ोफ्रेनिक भी तो हो सकते है .मेनियाक फेज़ में भी हो सकतें हैं बाई -पोलर इलनेस की ,मेजर -डिप्रेसिव -डिस -ऑर्डर की ..<br /><br />ये चिठ्ठा है मेरे भाई ,अखबार की तरह एक दिनी अवधि है इसकी. बाद इसके कूड़े का ढेर .<br /><br />इतनी अकड काहे की ?<br /><br />निरभिमान बन ,मत बन शब्द कृपण .आपके दो शब्द दूसरे को सारे दिन खुश रख सकतें हैं .<br /><br />शब्दों से ही चलती है ज़िन्दगी प्यारे .<br /><br />कुछ शब्द हम अपने गिर्द पाल लेतें हैं .<br /><br />"अपनी किस्मत में यही लिखा था भैया ,अपनी तो किस्मत ही फूटी हुई है ,कोई हाल पूछे तो कहतें हैं बीमार हूँ भैया "-बस तथास्तु ही हो जाता है .<br /><br />बस इतना ध्यान रख तुझे लेके कोई ये न कहे मेरे प्रियवर तू मेरी टिपण्णी को तरसे .सारे दिन तेरा जिया धडके ...<br /><br />और तू गाये :जिया बे -करार है ,छाई बहार है आजा मेरे टिपिया तेरा इंतज़ार है .<br /><br />यहाँ प्यारे! आने- जाने का अनुपात सम है .स्त्री -पुरुष की तरह विषम नहीं .तेरा चिठ्ठा भी प्यारे कन्या भ्रूण की तरह किसी दिन कूढ़े के ढेर पे मिल सकता है .तू मेरे घर आ! मैं आऊँ तेरे. .जितनी मर्जी बार आ ,खाली हाथ न आ .भले मानस दो चार शब्द ला .<br /><br />पटक जा मेरे दुआरे !<br /><br />गुड़ न दे, गुड़ सी बात तो कह .<br /><br />एक टिपण्णी का ही तो सवाल है जो दे उसका भला ,जो न दे उसका भी बेड़ा रामजी पार करें .<br /><br />राम राम भाई !<br /><br />सुन !इधर आ !<br /><br />मत शरमा !<br /><br />जिसने की शरम उसके फूटे करम<br /><br />शर्माज आर दा मोस्ट बे -शर्माज . .<br /><br />"मौन सिंह" मत बन .<br /><br />इटली का कुप्पा सूजा मत दिख .<br /><br />निर्भाव न दिख ,भाव भले ख़ा ,भावपूर्ण दिख .<br /><br />प्यार कर ले नहीं तो पीछे पछतायेगा .<br /><br />साईबोर्ग मत बन ,होमो -सेपियन बन ,<br />आर्डर दिया था आपको इस गद्य को कविता /कुंडली /दोहों /सोरठा किसी में भी ढालने का पहली मर्तबा आपकी सप्लाई लेट है .व्यस्त रहे समारोह में <br />गंगा-दामोदर ब्लॉगर्स एसोसियेशन<br /><br />आज धनबाद के ब्लॉगर्स को माननीय देवेन्द्र गौतम जी का सानिध्य प्राप्त हुआ ।हमें भी अच्छा लगा .आपको पुन :स्मरण करवाया जाता है पुराने ग्राहक हैं आपको छोड़ कहीं और जा भी नहीं सकते .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-56287226106138622792012-09-23T20:54:16.002-07:002012-09-23T20:54:16.002-07:00बहत खूब भाई साहब .बहत खूब भाई साहब .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-75559567998057138692012-09-23T10:12:25.548-07:002012-09-23T10:12:25.548-07:00बहुत बढ़िया..बहुत बढ़िया..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-60850166329532782022012-09-23T06:06:58.090-07:002012-09-23T06:06:58.090-07:00हम भी गंगा के किनारे के हैं भाई !
...कुत्तों के ...हम भी गंगा के किनारे के हैं भाई !<br /><br />...कुत्तों के लिए शुभकामना :-) संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.com