tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post8582328489759582502..comments2023-11-26T00:36:15.978-08:00Comments on "लिंक-लिक्खाड़": प्राय: विकसित देश हैं, अजगर मगर करैतरविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-1423812959107636172012-04-03T11:34:28.023-07:002012-04-03T11:34:28.023-07:00सहमी सी जिंदगी !
१) कुत्ते मरते हैं कहाँ, करते नो...सहमी सी जिंदगी !<br /> १) कुत्ते मरते हैं कहाँ, करते नोच-खसोट |<br />आत्म-हत्या वो कर गया, खाई होगी चोट ||<br />बालाजी की घटना पर सही अनु -टिपण्णी ,नेता जित्ताकुत्ताये हैं ,कुत्ता उत्ता शर्माए है .शाष्त्री जी को हमारी भी शुभकामनाएं राज्य सभा में आयें ब्लोगर बिरादरी का मान बढायें. .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-38931551301490691772012-04-01T23:34:59.918-07:002012-04-01T23:34:59.918-07:00बहुत बढ़िया सुंदर प्रस्तुति,....
MY RECENT POST.....बहुत बढ़िया सुंदर प्रस्तुति,....<br /> <br />MY RECENT POST...<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/04/blog-post.html" rel="nofollow">काव्यान्जलि ...: मै तेरा घर बसाने आई हूँ...</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-80720026361090692272012-04-01T22:12:21.206-07:002012-04-01T22:12:21.206-07:00बहुत सही..सुन्दर प्रस्तुति..बहुत सही..सुन्दर प्रस्तुति..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-56979692602773334922012-04-01T11:17:59.309-07:002012-04-01T11:17:59.309-07:00हर बार की तरह अद्भुत ...!हर बार की तरह अद्भुत ...!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-18449656937559369712012-04-01T11:08:15.036-07:002012-04-01T11:08:15.036-07:00बहुत सुन्दर प्रस्तुति
आशु के ब्लॉग पर मेरे लिए आपक...बहुत सुन्दर प्रस्तुति<br />आशु के ब्लॉग पर मेरे लिए आपकी टिप्पणी के बावत-<br />भाई रविकर जी! यह तो डॉ. साहब की क़द्रदानी है नहीं तो बकौल मियां ग़ालिब-<br />हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त वर्ना,<br />दिल के बहलाने को ग़ालिब ये ख़्याल अच्छा है।चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.com