Friday 7 October 2016

चिंता रहे छुपाय, पिताजी मिले विहँसकर-

हँसकर विद्यालय गई, घर आई चुपचाप |
देरी होती देख माँ, करती शुरू प्रलाप |
करती शुरू प्रलाप, देवता-देवि मनाये |
सभी लगाएं दौड़, थके-माँदे-घबराये |
मिलते ही मुस्कात, बहन माँ भाई रविकर |
चिंता रहे छुपाय, पिताजी मिले विहँसकर ||

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