tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post3234236244317529836..comments2023-11-26T00:36:15.978-08:00Comments on "लिंक-लिक्खाड़": बाबा बहुत बुलाये रे --रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-23291890533511430592011-07-20T03:56:47.550-07:002011-07-20T03:56:47.550-07:00वाह रविकर जी ...
गये सभी परदेस कमाने, विरह-गीत म...वाह रविकर जी ... <br /><br />गये सभी परदेस कमाने, विरह-गीत मन गाये रे |<br />रूप बदल के आजा बचपन, बाबा बहुत बुलाये रे |<br />गठिया की पीड़ा से ज्यादा, मन-गठिया तडपाये रे | <br />आजा वापस प्यारे बचपन, पचपन बड़ा सताए रे ...<br /><br />अब कुछ लिखने की स्थिति में नहीं हूँ ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-27661801014840698952011-07-20T03:05:22.492-07:002011-07-20T03:05:22.492-07:00'आ जा वापस प्यारे बचपन,पचपन बड़ा सताए रे '...'आ जा वापस प्यारे बचपन,पचपन बड़ा सताए रे '<br />..............वाह रविकर जी .....पचपन बड़ा निष्ठुर है , दर्द अथाह है ......प्रस्तुति गज़ब कीसुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-6069018184252824392011-07-18T08:02:39.628-07:002011-07-18T08:02:39.628-07:00क्या बहाव है आपकी कविता में....कुछ पकडे न रहें तो ...क्या बहाव है आपकी कविता में....कुछ पकडे न रहें तो अच्छे - अच्छे इस रचना के बहाव में बह जायें. सचमुच एक बहुत बढ़िया गीत है ये....विशाल चर्चित (Vishal Charchit)https://www.blogger.com/profile/11649442567545680984noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-75793365742635132572011-07-17T11:38:50.225-07:002011-07-17T11:38:50.225-07:00गजब की वास्तविक कविता!गजब की वास्तविक कविता!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-24518726530538792462011-07-17T00:00:08.979-07:002011-07-17T00:00:08.979-07:00बहुत ही अच्छी लगी कविता आपकी. आभार.बहुत ही अच्छी लगी कविता आपकी. आभार.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-4528868659180473862011-07-16T17:53:42.744-07:002011-07-16T17:53:42.744-07:00Nice post.
आदमी मज़े में मौत को भूल जाता है।
फ़िरं...Nice post.<br />आदमी मज़े में मौत को भूल जाता है।<br />फ़िरंगी हो या जंगी, अंजाम भूल जाता है।।<br />आपकी रचना अच्छी है लेकिन कुछ सेना और पुलिस के बारे में भी बता देते तो और भी अच्छी हो जाती।<br />मज़ा आ गया पढ़कर और हंसी भीं.<br /> <br />शुक्रिया !<br /><a href="http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/rape.html" rel="nofollow">समलैंगिकता और बलात्कार की घटनाएं क्यों अंजाम देते हैं जवान ? Rape</a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-78898090875814217172011-07-16T08:26:08.318-07:002011-07-16T08:26:08.318-07:00shandar, adbhut, dil ko gudgudane wali kriti...ais...shandar, adbhut, dil ko gudgudane wali kriti...aisi kavita jisme dard samahit ho kintu shabdon ka aisa shandar prayog dil ko gudguda deta hai<br />आजा वापस प्यारे बचपन, पचपन बड़ा सताए रे |<br />गठिया की पीड़ा से ज्यादा, मन-गठिया तडपाये रे<br />shandar abhivyaktiDr.Ashutosh Mishra "Ashu"https://www.blogger.com/profile/06488429624376922144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-84088462852654891892011-07-16T08:05:28.446-07:002011-07-16T08:05:28.446-07:00are pachpan me ye hall hai !!yaha to paisath me ab...are pachpan me ye hall hai !!yaha to paisath me abhipahar par chadhna utarna chal raha hai!!!!डॉ0 विजय कुमार शुक्ल ‘विजय’https://www.blogger.com/profile/06377031220506773558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-74283308056083931922011-07-16T07:25:54.769-07:002011-07-16T07:25:54.769-07:00वाह वाह अभी पचपन से दूर हैं पर बचपन से भी दूर हैं ...वाह वाह अभी पचपन से दूर हैं पर बचपन से भी दूर हैं बच्चो को देख रहे हैं बड़ा होता हुआ न फ़ूटा बम और हो पाये पचपन के तो याद रखेंगे यह लेखनी पचपन और बचपन परArunesh c davehttps://www.blogger.com/profile/15937198978776148264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-45928745342422573862011-07-16T05:24:12.339-07:002011-07-16T05:24:12.339-07:00गजब की कविता लिखते हैं आप रविकर जी . बहुत सही चित...गजब की कविता लिखते हैं आप रविकर जी . बहुत सही चित्रण किया है अकेलेपन का , जब बच्चे पढाई आदि के लिए दूर हो जाते हैं ! अति सुन्दर रचना.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-24421065912453383982011-07-15T23:22:07.168-07:002011-07-15T23:22:07.168-07:00क्या बात , बहुत बेहतर तरीके से समां बांधा है आपने।...क्या बात , बहुत बेहतर तरीके से समां बांधा है आपने।महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-91178732988274693372011-07-15T21:09:57.390-07:002011-07-15T21:09:57.390-07:00गठिया की पीड़ा से ज्यादा मन गठिया तडफाय रे ..........गठिया की पीड़ा से ज्यादा मन गठिया तडफाय रे .......आजा वापस प्यारे बचपन ,पचपन बड़ा सताए रे .लेकिन रविकर भाई गुजरा हुआ ज़माना आता नहीं दोबारा भले कोई गाता रहे टा -उम्र -कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन .....<br />बहुत अच्छी रचना .बधाई .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-35464045245264113992011-07-15T19:48:01.138-07:002011-07-15T19:48:01.138-07:00इतने सुन्दर तरीके से अभिव्यक्त कर देने से मन की गठ...इतने सुन्दर तरीके से अभिव्यक्त कर देने से मन की गठिया का दर्द निश्चित रूप से हल्का हो जाना चाहिए...बधाई्द निश्चित रूप से हल्का हो जाना चाहिए...बधाईचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-34360908935511427762011-07-15T18:13:09.969-07:002011-07-15T18:13:09.969-07:00बाबा बहुत ---------- / रुचिकर मनोहारी सृजन ,सुन्द...बाबा बहुत ---------- / रुचिकर मनोहारी सृजन ,सुन्दर है , साधुवाद जी /udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-78748079566925944552011-07-15T08:44:56.000-07:002011-07-15T08:44:56.000-07:00वाह बहुत खूब!
पढ़कर आनन्द आ गया!वाह बहुत खूब!<br />पढ़कर आनन्द आ गया!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-60489262262211656802011-07-15T08:43:47.226-07:002011-07-15T08:43:47.226-07:00बहुत सुन्दर ! सार्थक प्रस्तुति...बहुत सुन्दर ! सार्थक प्रस्तुति...Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-21320666898912070462011-07-15T08:29:14.221-07:002011-07-15T08:29:14.221-07:00सुंदर भाव, सार्थक प्रस्तुति। बचपन तो सभी को याद आ...सुंदर भाव, सार्थक प्रस्तुति। बचपन तो सभी को याद आता ही है।<br />------<br /><b><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">जीवन का सूत्र...</a></b><br /><b><a href="http://sb.samwaad.com/2011/07/blog-post_12.html" rel="nofollow">लोग चमत्कारों पर विश्वास क्यों करते हैं?</a></b>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-26362223200674239912011-07-15T04:45:04.810-07:002011-07-15T04:45:04.810-07:00आदरणीय रविकर जी बहुत सुन्दर रचना इस समय जो अवस्था ...आदरणीय रविकर जी बहुत सुन्दर रचना इस समय जो अवस्था बूढ़े माँ बाप की है चित्रित करती पूरे के पूरे अंक लाती आप की ये रचना बधाई <br /><br /><br />गये सभी परदेस कमाने<br />विरह-गीत मन गाये रे |<br />रूप बदल के आजा बचपन<br />बाबा बहुत बुलाये रे |<br />गठिया की पीड़ा से ज्यादा <br />मन-गठिया तडपाये रे | <br /><br />शुक्ल भ्रमर ५<br />भ्रमर की माधुरी <br />बाल झरोखा सत्यम की दुनियाSurendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-47449845576494789852011-07-15T03:06:16.921-07:002011-07-15T03:06:16.921-07:00सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ प्रशंग्सनीय प्रस्त...सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ प्रशंग्सनीय प्रस्तुती!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-14253556364191221142011-07-15T02:32:08.668-07:002011-07-15T02:32:08.668-07:00आभार मदन शर्मा जी |
बच्चे सेटल हो गए हैं |
अनंत अभ...आभार मदन शर्मा जी |<br />बच्चे सेटल हो गए हैं |<br />अनंत अभिलाषाएं हैं---<br />देखिये आगे-आगे होता है क्या --रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-22253011418739108192011-07-15T02:16:56.554-07:002011-07-15T02:16:56.554-07:00बहुत खूब! बहुत सुन्दर !
छोटा बच्चा समझ के कच्चा ना...बहुत खूब! बहुत सुन्दर !<br />छोटा बच्चा समझ के कच्चा ना टकराना रे......मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-91513276791570560092011-07-15T01:51:28.194-07:002011-07-15T01:51:28.194-07:00.आजा वापस प्यारे बचपन,
पचपन बड़ा सताए रे |
गठिया क....आजा वापस प्यारे बचपन,<br />पचपन बड़ा सताए रे |<br />गठिया की पीड़ा से ज्यादा <br />मन-गठिया तडपाये रे |<br />भटक-भटक के अटक रहा ये-<br />जिधर इसे कुछ भाये रे |1|<br />आये याद बहुत बचपन की <br />कविता याद दिलाये रे<br />इससे भी ज्यादा तो हमको <br />टिप्पणी दर्द डराए रे,<br />अगर कहीं ये न कर पाए<br />भूल बड़ी हो जाये रे.<br />बहुत सुन्दर प्रस्तुति.<br />आपके प्रेरक शास्त्री जी व् शर्मा जी को भी बहुत बहुत धन्यवाद्.Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-61333670162764067832011-07-15T00:46:01.308-07:002011-07-15T00:46:01.308-07:00बहुत-बहुत आभार संगीता दी ||
अभी ५५ में ४ बाकी हैं ...बहुत-बहुत आभार संगीता दी ||<br />अभी ५५ में ४ बाकी हैं पर <br />सभी बच्चे बाहर निकल चुके हैं ||<br />कल्पना है कुछ चहल-पहल की |<br />पर अभी तो मात्र कपास है |<br />सूत चाहिए--<br />तब जाकर लठ्ठे में लठ्ठा <br />अभी तो ख्याली पुलाव ----रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-33306617654236405792011-07-15T00:33:50.133-07:002011-07-15T00:33:50.133-07:00अच्छी अभिव्यक्तिअच्छी अभिव्यक्तिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com