tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post3591978263118891871..comments2023-11-26T00:36:15.978-08:00Comments on "लिंक-लिक्खाड़": रक्त-कोष की पहरेदारीरविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-86011326077247705472011-06-17T21:27:57.510-07:002011-06-17T21:27:57.510-07:00जबर्दस्त कटाक्ष,करारा प्रहार काया है आपने ,अति सुं...जबर्दस्त कटाक्ष,करारा प्रहार काया है आपने ,अति सुंदर ....Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-72512795711591541072011-06-17T21:09:24.152-07:002011-06-17T21:09:24.152-07:00डॉ. नूतन, sm, ana,
और भाई udaya veer singhjee
...डॉ. नूतन, sm, ana, <br />और भाई udaya veer singhjee <br />आपका हार्दिक-अभिनन्दन<br />अपने ब्लाग पर ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-63839826868245757802011-06-17T19:31:04.912-07:002011-06-17T19:31:04.912-07:00speechless..speechless..Anamikaghatakhttps://www.blogger.com/profile/00539086587587341568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-71559315268552994932011-06-17T17:36:09.657-07:002011-06-17T17:36:09.657-07:00तिलचट्टों ने तेल कुओं पर, अपनी कुत्सित नजर गढ़ाई |...तिलचट्टों ने तेल कुओं पर, अपनी कुत्सित नजर गढ़ाई |<br />तो रक्त-कोष की पहरेदारी, नर-पिशाच के जिम्मे आई ||<br /> -- क्या बात है ! करारा प्रहार काया है आपने ,अति सुंदर <br /> शुक्रिया जी..... /udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-58483210984036488572011-06-17T13:35:27.271-07:002011-06-17T13:35:27.271-07:00like the poem on corruptionlike the poem on corruptionSMhttps://www.blogger.com/profile/08421656022621802223noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-76149434101859200682011-06-17T10:24:46.646-07:002011-06-17T10:24:46.646-07:00बेहद जबर्दस्त कटाक्ष ,उम्दा रचनाबेहद जबर्दस्त कटाक्ष ,उम्दा रचनाडॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-76489112095310952862011-06-17T07:26:31.013-07:002011-06-17T07:26:31.013-07:00आभार बबली जी ||
आपका हार्दिक-अभिनन्दन
अपने ब्लाग ...आभार बबली जी ||<br />आपका हार्दिक-अभिनन्दन <br />अपने ब्लाग पर ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-22028995084554980292011-06-17T07:22:02.236-07:002011-06-17T07:22:02.236-07:00आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
महाघुटाल...आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!<br /> महाघुटाले - बाजों ने ली, जब तिहाड़ की जिम्मेदारी |<br />जल्लादों ने झपटी झट से, मठ-महन्त की कुल मुख्तारी||<br />बहुत सुन्दर और सटीक पंक्तियाँ! बहुत बढ़िया रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-31542525960140703072011-06-17T06:14:52.960-07:002011-06-17T06:14:52.960-07:00डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री जी |
बहुत-बहुत धन्यवाद ||डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री जी |<br />बहुत-बहुत धन्यवाद ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-27461735419872566722011-06-17T06:12:53.699-07:002011-06-17T06:12:53.699-07:00वीरुभाई
मैं तो हूँ सरदार नाम का ,असरदार तुम मम्मी...वीरुभाई<br /><br />मैं तो हूँ सरदार नाम का ,असरदार तुम मम्मीजी ,<br />मैं तो ताबेदार बना ,कुर्सी तुम धारो मम्मीजी ,<br />इसीलिए तो उछल रहें हैं ,जूते चप्पल मम्मीजी ,<br /><br />बहुत-बहुत धन्यवाद ||<br />मम्मी जी,<br />की महिमा अपरम्पार है ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-41968369008215389622011-06-17T05:12:39.370-07:002011-06-17T05:12:39.370-07:00रविकर भाई !ब्लॉग पे आपकी दस्तक मुबारक क्षण था हमार...रविकर भाई !ब्लॉग पे आपकी दस्तक मुबारक क्षण था हमारे लिए .आप के ये दोहे इस समय की आवाज़ हैं -<br />चाल -बाज़ ,ठग ,धूर्तराज सब ,पकडे बैठे डाली -डाली ,<br />आज बाज़ को काज मिला जो करता चिड़ियों की रखवाली ।<br />इसी तर्ज़ पर स्वर्गीय बाबुल लाल शर्मा (हमारे मित्र एवं पूर्व सम्पादक ,माया ,दैनिक भास्कर )के ये पंक्तियाँ अनायास याद आ गईं -<br />तुलसी के पत्ते सूखें हैं ,और कैक्टस आज हारें हैं ,<br />आज राम को भूख लगी है ,रावण के भण्डार भरें हैं . हास्य गीत :चप्पल जूता मम्मीजी जी (मूल रचना- कार :डॉ .रूप चंद शाष्त्री मयंक ,उच्चारण )। तन रहता है भारत में ,रहता मन योरप मम्मीजी ,<br />इसीलिए तो उछल रहें हैं ,जूते चप्पल मम्मी जी ।<br />कुर्सी पर बैठाया तुमने ,लेकिन दास बना डाला<br />भरी तिजोरी मुझको सौंपी ,लेकिन लटकाया ताला ।<br />चाबी के गुच्छे को तुमने ,खुद ही कब्जाया मम्मी जी ,<br />इसीलिए तो उछल रहें हैं , जूते -चप्पल मम्मीजी ।<br />छोटी मोटी भूल चूक को ,अनदेखा करती हो ,<br />बड़ा कलेजा खूब तुम्हारा ,सबका लेखा रखती हो ,<br />मैं तो चौकी -दार तुम्हारा , हवलदार तुम मम्मीजी ,<br />इसीलिए तो उछल रहें हैं ,जूते-चप्पल मम्मीजी ।<br />जनता के अरमानों को शासन से मिलकर तोड़ा है ,<br />लोक तंत्र की पीठ है नंगी ,पुलिस हाथ में कोड़ा है ।<br />मैं तो हूँ सरदार नाम का ,असरदार तुम मम्मीजी ,<br />इसीलिए तो उछल रहें हैं ,जूते -चप्पल मम्मीजी ।<br />ये कैसा है त्याग कि, कुर्सी अपनी कर डाली ,<br />ऐसी चाल चली शतरंजी ,मेरी मति भी हर डाली ।<br />मैं तो ताबेदार बना ,कुर्सी तुम धारो मम्मीजी ,<br />इसीलिए तो उछल रहें हैं ,जूते चप्पल मम्मीजी ,<br /><br />खड़े बिजूके को तुमने क्यों ताज पहनाया मम्मीजी ,<br />सिर पे कौवे आ बैठे ,और फिर हडकाया मम्मीजी ,<br />परदे के पीछे रहकर ,तुम सरकार चलातीं मम्मीजी ,<br />दिल की बात कही मैंने आगे तुम जानों मम्मीजी ।<br />रिमिक्स प्रस्तुति :डॉ नन्द लाल मेहता वागीश .डी .लिट ।<br />एवं वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )।<br /><br />प्रस्तुति : वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई ).virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-2328274733697677672011-06-17T03:59:48.594-07:002011-06-17T03:59:48.594-07:00आभार डाक्टर साहिबा ||आभार डाक्टर साहिबा ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-42404169061895475062011-06-17T03:35:58.746-07:002011-06-17T03:35:58.746-07:00तिलचट्टों और दीमकों की तरह चाट रहे हैं ये हमारी व्...तिलचट्टों और दीमकों की तरह चाट रहे हैं ये हमारी व्यवस्था को।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-34274490935499007162011-06-16T19:52:03.710-07:002011-06-16T19:52:03.710-07:00वीरू भाई सादर नमन ||
आपका ब्लाग पर बारम्बार स्वागत...वीरू भाई सादर नमन ||<br />आपका ब्लाग पर बारम्बार स्वागत है |<br />आपने बड़ी सुन्दर पंक्तियों को पढने का अवसर दिया ||<br />आभार ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-54086562326999709002011-06-16T12:18:46.354-07:002011-06-16T12:18:46.354-07:00रविकार जी छा चुकें हैं आप -
चाल बाज़ औ धूर्त राज सब...रविकार जी छा चुकें हैं आप -<br />चाल बाज़ औ धूर्त राज सब ,पकडे बैठे डाली डाली ,<br />आज बाज़ को काज मिला है ,जो करता चिड़ियों की रखवाली ।<br />सटीक और संदर्भित व्यंग्य -virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-7477678577189730042011-06-15T18:38:57.868-07:002011-06-15T18:38:57.868-07:00बहुत-बहुत धन्यवाद ||
आभार ||बहुत-बहुत धन्यवाद ||<br />आभार ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-14728655787571618232011-06-15T11:26:50.322-07:002011-06-15T11:26:50.322-07:00सटीक कटाक्ष ...सटीक कटाक्ष ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-43096264086480486992011-06-15T10:32:38.066-07:002011-06-15T10:32:38.066-07:00महाघुटाले - बाजों ने की, जब तिहाड़ की पहरे...महाघुटाले - बाजों ने की, जब तिहाड़ की पहरेदारी |<br />जल्लादों ने छीनी मठ की, ठग-महन्त से कुल मुख्तारी||<br />आजकल यही सब हो रहा है.बहुत खूबShalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-88757178242519451672011-06-15T10:23:33.651-07:002011-06-15T10:23:33.651-07:00करारा प्रहार है भ्रष्टाचार पर.
तिलचट्टों ने तेल...करारा प्रहार है भ्रष्टाचार पर.<br /><br /> तिलचट्टों ने तेल कुओं से, अपनी शाश्वत प्यास बुझाई |<br /> रक्त-कोष की पहरेदारी, नर-पिशाच के जिम्मे आई ||musafirhttps://www.blogger.com/profile/11319471665081550579noreply@blogger.com