tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post3826382860587325579..comments2023-11-26T00:36:15.978-08:00Comments on "लिंक-लिक्खाड़": जाय बसों ना' पाक, भरे हैं वहाँ फरारी-रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-45374847873161245062013-01-30T20:37:49.338-08:002013-01-30T20:37:49.338-08:00 |
उम्दा लिंक्स |<br />उम्दा लिंक्स Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-66945369470857111212013-01-30T06:10:13.730-08:002013-01-30T06:10:13.730-08:00आपकी पोस्ट 31 - 01- 2013 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत ...आपकी पोस्ट 31 - 01- 2013 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है <br />कृपया पधारें ।<br />-- दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-72646954169500476632013-01-30T04:58:23.703-08:002013-01-30T04:58:23.703-08:00जन-जन के आक्रोश को साझा करते छंद -रविकर जी सम-सामय...जन-जन के आक्रोश को साझा करते छंद -रविकर जी सम-सामयिक धारदार छंद -बहुत बढ़िया <br />Aditi Poonamhttps://www.blogger.com/profile/07454848082907747001noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-69387362194257653692013-01-30T01:13:22.470-08:002013-01-30T01:13:22.470-08:00बहुत ही सार्थक संयोजन,समां निराली है।बहुत ही सार्थक संयोजन,समां निराली है।Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-45562083799536707992013-01-30T00:27:20.274-08:002013-01-30T00:27:20.274-08:00बहुत सार्थक रूप से टिपियाया है आपने!
आभार रविकर जी...बहुत सार्थक रूप से टिपियाया है आपने!<br />आभार रविकर जी!<br />अभी ब्रॉडबैंड का कनक्शन नहीं चल रहा है!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-68672742637234689302013-01-29T22:53:13.926-08:002013-01-29T22:53:13.926-08:00इन्साफ को तरसती दामिनी को मिल पायेगा इन्साफ !!
पूर...इन्साफ को तरसती दामिनी को मिल पायेगा इन्साफ !!<br />पूरण खण्डेलवाल <br /> शंखनाद - <br /><br /><br />अंधी देवी न्याय की, चालें डंडी-मार |<br />पलड़े में सौ छेद हैं, डोरी से व्यभिचार |<br />डोरी से व्यभिचार, तराजू बबली-बंटी |<br />देता जुल्म नकार, बजे खतरे की घंटी |<br />अमरीका इंग्लैण्ड, जुर्म का करें आकलन |<br />कड़ी सजा दें देश, जेल हो उसे आमरण ||<br /><br />बेहतरीन काव्यात्मक वरण विडंबनाओं का ,अंधे लूले अपंग क़ानून का <br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-10635677508648156952013-01-29T22:07:47.731-08:002013-01-29T22:07:47.731-08:00आदरणीय गुरुदेव श्री प्रणाम, कुंडलियों का सुन्दर सम...आदरणीय गुरुदेव श्री प्रणाम, कुंडलियों का सुन्दर समां बांधा है हार्दिक बधाई अरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.com