tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post4163142498799312301..comments2023-11-26T00:36:15.978-08:00Comments on "लिंक-लिक्खाड़": आलिंगन आँगन लगन, मन लिंगार्चन जाग -रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-19051390573120746992013-02-10T17:30:12.702-08:002013-02-10T17:30:12.702-08:00रविकर जी आपकी रचनाएं पढ़ कर बहुत अच्छा लगता है |
आश...रविकर जी आपकी रचनाएं पढ़ कर बहुत अच्छा लगता है |<br />आशा Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-83195727184472531662013-02-10T09:40:50.537-08:002013-02-10T09:40:50.537-08:00रविकर भाई आपकी कुंडलीकृत काव्यात्मक रूपकात्मक टिप्...रविकर भाई आपकी कुंडलीकृत काव्यात्मक रूपकात्मक टिप्पणियाँ ब्लॉग जगत की शान और मान दोनों हैं .आभार आपका .स्पेम में से निकालें टिप्पणियाँ .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-48812424628762046792013-02-10T09:40:19.830-08:002013-02-10T09:40:19.830-08:00रविकर भाई आपकी कुंडलीकृत काव्यात्मक रूपकात्मक टिप्...रविकर भाई आपकी कुंडलीकृत काव्यात्मक रूपकात्मक टिप्पणियाँ ब्लॉग जगत की शान और मान दोनों हैं .आभार आपका .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-89878135353059620292013-02-10T09:40:06.942-08:002013-02-10T09:40:06.942-08:00रविकर भाई आपकी कुंडलीकृत काव्यात्मक रूपकात्मक टिप्...रविकर भाई आपकी कुंडलीकृत काव्यात्मक रूपकात्मक टिप्पणियाँ ब्लॉग जगत की शान और मान दोनों हैं .आभार आपका .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-38422541936313762192013-02-10T09:39:59.591-08:002013-02-10T09:39:59.591-08:00रविकर भाई आपकी कुंडलीकृत काव्यात्मक रूपकात्मक टिप्...रविकर भाई आपकी कुंडलीकृत काव्यात्मक रूपकात्मक टिप्पणियाँ ब्लॉग जगत की शान और मान दोनों हैं .आभार आपका .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-69518981810421526932013-02-10T09:37:59.512-08:002013-02-10T09:37:59.512-08:00पोर पोर अवगुण भरा, बड़ी-कड़ी है खाल |
ढप ढप ढंग ढप...पोर पोर अवगुण भरा, बड़ी-कड़ी है खाल |<br />ढप ढप ढंग ढपोर सा, बोली मधुर निकाल |<br />बोली मधुर निकाल, मांग दुगुनी करवाते |<br />चलते रहते चाल, कभी भी दे नहिं पाते |<br />रविकर शंख ढपोर, फेंक जल में बस यूं ही |<br />अमित आत्मिक चाह, पाय उद्यम से तू ही ||<br /><br />बहुत सुन्दर रविकर भाई .रस घोल देते हो फिजां में .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-71312723405692717252013-02-10T09:01:34.667-08:002013-02-10T09:01:34.667-08:00कृपया पोस्ट का संशोधित रूप ज़रूर पढ़ें .आपकी कुंडल...कृपया पोस्ट का संशोधित रूप ज़रूर पढ़ें .आपकी कुंडली के अलावा उसमें और भी बहुत कुछ जोड़ा गया है .आपकी कुंडली पोस्ट की जान बन गई है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-53917833310634536162013-02-10T08:59:29.713-08:002013-02-10T08:59:29.713-08:00शुक्रिया रविकर भाई !आपने पोस्ट का वजन बढाया .उसे न...शुक्रिया रविकर भाई !आपने पोस्ट का वजन बढाया .उसे नै परवाज़ दी है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5430413835103305212.post-44897975661781187062013-02-10T07:20:17.786-08:002013-02-10T07:20:17.786-08:00आलिंगन आँगन लगन, मन लिंगार्चन जाग |
आलिंगी आली जले...<b>आलिंगन आँगन लगन, मन लिंगार्चन जाग |<br />आलिंगी आली जले, आग लगाता फाग ||</b><br /><br />बहुत खूब,,,,,रविकर जी ,,,क्या बात है <br /><br /><b>RECENT POST...</b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/02/blog-post_10.html#links" rel="nofollow"> नवगीत,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.com