Thursday, 1 August 2019

विधाता छन्द


हुआ #नाकाम बन्दा तो, करे वह #इश्क की पूजा।
बदलकर नाम अपना वह रखे उपनाम ही दूजा।
गजल गाता, घुमक्कड़ बन, सदा दारू पिये उम्दा-
#मुकम्मल #इश्क फेरे में, रहे हर वक्त मुँह सूजा।।

5 comments:

  1. वाह ! शानदार रचना

    कभी एक नजर यहाँ भी करे आदरणीय

    विडीओ ब्लॉग पंच पर ब्लॉग लेखकों को बढ़ावा देने हेतु ही उनके ब्लॉगपोस्ट की शानदार चर्चा हम करते है जैसे विडीओ ब्लॉग पंच 5 के एपिसोड में की गई है । "

    " जिसमे हमने 5 ब्लॉग लिंक पर चर्चा की है और उसमें से बेस्ट ब्लॉग चुना जाएगा , याद रहे पाठको के द्वारा वहाँ पर की गई कमेंट के आधार पर ही बेस्ट ब्लॉग पंच चुना जाता है । "

    अधिक जानकारी हेतु

    एक बार इसे देखे

    आखिर क्या है विडीओ ब्लॉग पंच ?

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (०९-०३-२०२१) को 'मील का पत्थर ' (चर्चा अंक- ४,००० ) पर भी होगी।

    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    अनीता सैनी

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  3. उम्दा तंज और व्यंग्य।

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