Showing posts with label तलाक. Show all posts
Showing posts with label तलाक. Show all posts

Friday, 25 August 2017

तलाक

जो जंग जीती औरतों ने आज भी आधी-अधूरी ।
नाराज हो जाये मियाँ तो आज भी है छूट पूरी।
शादी करेगा दूसरी फिर तीसरी चौथी करेगा।
पत्नी उपेक्षा से मरेगी वह नही होगी जरूरी।

पड़ी जब आँख पर पट्टी, निभाती न्याय की देवी।
तराजू ले सदी चौदह, बिताती न्याय की देवी।
मगर जब देवियाँ जागीं, मिला अधिकार तब वाजिब
विषम् पासंग पलड़े का, मिटाती न्याय की देवी।