बेसुरम
ठंडी-ठंडी ठंड पर
बहुत सही है लेखनी, सही बहुत ही ठण्ड |
स्वेटर जैकेट इनर में, उड़ा साल का फंड |
उड़ा साल का फंड, ठण्ड पाकेट में पै गी |
सब नेता बरबंड, नार्थ में जमघट है गी |
कर लो खुब उत्पात, बाँट के पैसा दारु |
महँगाई सह ठण्ड, होय यह वोटर भारू ||
उड़ा साल का फंड, ठण्ड पाकेट में पै गी |
ReplyDeleteसब नेता बरबंड, नार्थ में जमघट है गी |
भाई गज़ब...गज़ब...गज़ब...
नीरज
दारू और वोट = गरीब की दिवाली
ReplyDeleteअच्छी रचना |गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
ReplyDeleteआशा
सटीक प्रस्तुति|
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें|
कुंडली पढ़कर दांत बजने लगे।
ReplyDelete