Saturday, 7 January 2012

मिश्रा उवाच --

File:African elephant warning raised trunk.jpg
हाथी-हथिनी को रखा, परदे अन्दर खूब |
इकतरफा यह फैसला, गया कमीशन डूब |
INC-flag.svg
गया कमीशन डूब, हाथ पंजा कटवाओ |
खिले कमल को ढूंढ़, सभी गड्ढे पट्वाओ |

और साइकिल खोल, रखाओ घर में साथी |
करे कहीं उत्पात, करोड़ों खा के हाथी ||
चल दल-दल पर चल |
बदल बदल दल चल ||
चाची ने थप्पड़ जड़ा,  ताऊ के घर बैठ |
चरबी चढ़ती बदन पर, चला करोड़ों ऐंठ |
चला करोड़ों ऐंठ, उमा-योगी का करिहैं |
जाति-सभा में पैठ, कमल कीचड़ मा सरिहै |
चूस-चास कर खून, दाँव जो चले पिशाची |
करिहै का कानून, सँभल के रहना चाची ||

खल जन-जन-मन खल |
छल खल-दल  बन छल ||
Samajwadi Party Flag.jpg
गन्ना की मिल में पिरे, स्वाभिमान जन-रोष |
अंचल पर गहरी पकड़, होय सदा जय घोष |
होय सदा जय घोष, करे जो मोहन प्यारे |
लगे भयंकर दोष, जाँय बेमतलब मारे |
लोकतंत्र की खोट,  पकड़ ना पाते अन्ना |
बाहुबली पर चोट, पेरता जाये गन्ना ||

14 comments:

  1. बहुत सही लिखा...

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  2. बहुत ख़ूब...
    आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 09-01-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ

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  3. छंद का धमाल है
    कमाल है कमाल है

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  4. वाह .....बहुत खूब

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  5. बन रहा है चुनाव का माहोल!
    सुन्दर रचनाएँ!

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  6. खूबसूरत/तीखी रचनाएं....
    सादर बधाई...

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  7. चल दल-दल पर चल |
    बदल बदल दल चल ||
    बहुत खूब की है राजनीति पे चोट .

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  8. सुन्दर रचनायें.....बहुत खूब...

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  9. बेहद ख़ूबसूरत एवं उम्दा रचना ! बधाई !

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  10. लाजवाब रचना रविकर जी | बहुत उम्दा कुण्डलियाँ |

    मेरे भी ब्लॉग में पधारें |
    मेरी कविता

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  11. गज़ब की कुण्डलियाँ .... चनाव का माहोल गरमा रहा है ...

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