Wednesday, 10 December 2014
पगला बनकर के करें, अगर नौकरी आप-
पगला बनकर के करें, अगर नौकरी आप ।
सकल काम अगला करे, बेचारा चुपचाप ।
बेचारा चुपचाप, काम से डरना कैसा ।
बने रहो नित कूल, मिलेगा पूरा पैसा ।
करो काम का जिक्र, फ़िक्र क्या करना रविकर ।
उंगली चुगली सीख, मौज कर पगला बनकर ॥
2 comments:
सुशील कुमार जोशी
11 December 2014 at 05:57
उत्तम राय ।
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Kailash Chandra Sharma
29 December 2014 at 02:01
उत्कृष्ट रचना।
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उत्तम राय ।
ReplyDeleteउत्कृष्ट रचना।
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