Wednesday, 10 December 2014

पगला बनकर के करें, अगर नौकरी आप-

पगला बनकर के करें, अगर नौकरी आप । 
सकल काम अगला करे, बेचारा चुपचाप । 

बेचारा चुपचाप, काम से डरना कैसा । 
बने रहो नित कूल, मिलेगा पूरा पैसा । 

करो काम का जिक्र, फ़िक्र क्या करना रविकर । 
उंगली चुगली सीख, मौज कर पगला बनकर ॥ 

3 comments:

  1. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (12.12.2014) को "क्या महिलाए सुरक्षित है !!!" (चर्चा अंक-1825)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है।

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  2. उत्कृष्ट रचना।

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