Monday, 12 October 2015

होते जीव हलाल, बैठ के देखें बन्दर

Image result for गांधी जी के तीन बन्दर 
बन्दर-भालू-सर्प बिन, मरा मदारी आज |
पशु-अधिकारों पे उठी, जब से ये आवाज |

जब से ये आवाज, हुवे खुश कुत्ता बिल्ली |
अभयारण में बाघ, सुरक्षित करती दिल्ली |

किन्तु विरोधाभास, देश-दुनिया के अंदर |
होते जीव हलाल, बैठ के देखें बन्दर ||

4 comments:

  1. बहुत खूब । नार्थ ईस्ट में कुत्ता बिल्ली भी चलती है । नागा रेजिमेंट जब हमारे यहाँ आई थी उस समय शहर से बहुत से कुत्ते लापता हो गये थे :)

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  2. सार्थ कुण्डलिया।
    बहुत दिनों बाद आपकी सक्रियता देखने को मिली।
    --
    शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  3. जब से ये आवाज, हुवे खुश कुत्ता बिल्ली |
    अभयारण में बाघ, सुरक्षित करती दिल्ली
    ..बहुत खूब!
    नवरात्र की मंगलकामनाएं!

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  4. आपका #ब्लॉग पर आने के लिए आभार, हमारे मार्गदर्शन हेतु पुनः पधारें | क्योकी आपके आगमन से ही हमारे #लेखन में उत्साह की वृद्धी होती है |

    आप सभी का स्वागत है मेरे इस #ब्लॉग #हिन्दी #कविता #मंच के नये #पोस्ट #मिट्टीकेदिये पर | ब्लॉग पर आये और अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें |

    http://hindikavitamanch.blogspot.in/2015/11/mitti-ke-diye.html

    धन्यवाद |

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