वाह ...सार्थक कुण्डलिया।
मुखड़े पर मुस्कान, चार सौ बीसी करते |मुख में रहते राम, बगल में छूरी धरते |haan hamare babaji bhi hamse yahi kahte the .nice
बहुत दिनों के बाद ....!! सुन्दर कुण्डलियाँ ..
👍
वाह ...
ReplyDeleteसार्थक कुण्डलिया।
मुखड़े पर मुस्कान, चार सौ बीसी करते |
ReplyDeleteमुख में रहते राम, बगल में छूरी धरते |
haan hamare babaji bhi hamse yahi kahte the .nice
बहुत दिनों के बाद ....!! सुन्दर कुण्डलियाँ ..
ReplyDelete👍
ReplyDelete