वाह !! मंगलकामनाएं भाई जी !!
मकु आकर्षण प्यार, लगे उसको आभासी । लेकिन लेती ताड़, उपेक्षा और उदासी ॥ बहुत सुन्दर भाव और अर्थ गाम्भीर्य .,शब्द चयन .
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।-- आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (07-06-2014) को ""लेखक बेचारा क्या करे?" (चर्चा मंच-1636) पर भी होगी!--हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।सादर...!डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
वाह !! मंगलकामनाएं भाई जी !!
ReplyDeleteमकु आकर्षण प्यार, लगे उसको आभासी ।
ReplyDeleteलेकिन लेती ताड़, उपेक्षा और उदासी ॥
बहुत सुन्दर भाव और अर्थ गाम्भीर्य .,शब्द चयन .
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (07-06-2014) को ""लेखक बेचारा क्या करे?" (चर्चा मंच-1636) पर भी होगी!
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक