Sunday, 8 June 2014

रोटी एक खिलाय, चिकित्सा कर दुनिया की-

दुनिया की सबसे बड़ी, बीमारी है भूख । 
दवा समझ खा रोटियां, देह अन्यथा सूख। 

देह अन्यथा सूख, नित्य परहेज जरूरी।
है संक्रामक रोग, मिटा के रविकर दूरी ।

चल चूल्हे पर सेंक, करोड़ों रोगी बाकी । 
रोटी एक खिलाय, चिकित्सा कर दुनिया की ॥ 

6 comments:

  1. सच कहा ... जिसको रोटी भी नसीब नहीं उसके लिए तो दावा ही है रोटी ....
    मज़बूत ...

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (10-06-2014) को "समीक्षा केवल एक लिंक की.." (चर्चा मंच-1639) पर भी होगी!
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

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  3. सर...मामला चुपड़ी रोटी का है...रूखी-सूखी खाय के ठंडा पानी पीय...

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  4. दवा को पचाने के लिए भी रोटी चाहिए वरना दवा ज्यादा हो जाएगी रोटी अल्पांश में आ जाएगी .

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