चाय, चुस्की और चौबारा,
जीवन, मुस्की औ' देह सारा---
जीवन, मुस्की औ' देह सारा---
चाय जीवन है तो चुस्की-मुस्कान
यह शरीर, चौबारा-------
यह शरीर, चौबारा-------
मधुरता-प्यार, कसैलापन-तकरार
उष्णता-उमंग-------
उष्णता-उमंग-------
दुग्ध-श्रृंगार, नींबू-बहार
तरलता--नियति के रंग----
तरलता--नियति के रंग----
पर कुछ ऐसा भी है जो
कभी-कभी बहुत खले-----
जब खौलती हुई कसैली चाय से
आत्माराम जले-----
आत्माराम जले-----
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