Thursday 9 January 2014

सत्ता नीति-विहीन, बुद्धि रविकर की भोंदी -


पलटी मार लेना कभी भी बहुत आसान होता है

सुशील कुमार जोशी 
 मोदी प्रति दीवानगी, बरकरार है आज |
आम आदमी चाहता, सुधरे देश समाज |

सुधरे देश समाज, भ्रमित अक्सर हो जाता |
चाहे मोदी राज,  आपकी लेकिन गाता  |

सत्ता नीति-विहीन, बुद्धि रविकर की भोंदी |
अस्थिर होगा देश, अगर जनता अनुमोदी ||

…..तो क्या नरेंद्र मोदी के विजय रथ को इस सर्दी में भी लू लग गया है.

Er. Ankur Mishra'yugal'
आप छुवे आकास, खेल मोदी का भाड़े-
(1)
लोकसभा में आपकी, आई सीट पचास |
लगे पलीता ख़्वाब में, टूटे भाजप आस |

टूटे भाजप आस, विपक्षी मौका ताड़े |
आप छुवे आकास, खेल मोदी का भाड़े |

माना अनुभवहीन, मीडिया लेकिन थामे |
कर दे सत्तासीन, त्रिशंकुल लोकसभा में ||


09 DECEMBER, 2013
सबको माने चोर, समर्थन ले ना दे ना -

लेना देना जब नहीं, करे तंत्र को बांस |
लोकसभा में आप की, मानो सीट पचास |

मानो सीट पचास,  इलेक्शन होय दुबारे |

करके अरबों नाश, आम पब्लिक को मारे |

अड़ियल टट्टू आप, अकेले नैया खेना |

सबको माने चोर, समर्थन ले ना दे ना || 


मुफ़्तखोर है इस देश कि जनता

ZEAL 
 ZEAL
दिल्ली की सरकार में, पी एम् केजरिवाल |
गृहमंत्री भूषण बने, ले कश्मीर सँभाल |

ले कश्मीर सँभाल, जैन की क्रान्ति गुलाबी |
राखी का कल्याण, गला बच्चे का दाबी |

जुड़े आप से लोग, तोड़ती छींका बिल्ली |
जाय भाड़ में देश, भाड़ में जाए दिल्ली ||
पहले तल्ले के लिए, नहीं नींव मजबूत । 
दूजे तल्ले के पिलर, आप करे आहूत । 

आप करे आहूत, हड़बड़ी पूर्ण कार्य है । 
घूरें घर यमदूत, घूरता अघ-अनार्य है । 

माना दिल्ली दाँव, पड़े नहले पे दहले । 
बिन अनुभव ईमान, ढहाए भवन रुपहले ॥ 


4 comments:

  1. सुंदर चर्चा ! उल्लूक की बकबक "पलटी मार लेना कभी भी बहुत आसान होता है" आज यहाँ भी आभारी हूँ :)

    ReplyDelete
  2. आ० बहुत ही सुंदर प्रस्तुति व लिंक्स

    ReplyDelete
  3. चाहे मोदी राज, आपकी लेकिन गाता |

    सत्ता नीति-विहीन, बुद्धि रविकर की भोंदी |
    अस्थिर होगा देश, अगर जनता अनुमोदी ||

    बहुत सुन्दर काव्य सौंदर्य का शीर्ष लिए है यह रचना .

    ReplyDelete
  4. मित्र शुभ सर्वकाल !

    अच्छी चर्चा-संयोजन व्यवस्था रचना है !

    ReplyDelete