Wednesday, 5 December 2012

डायलिसिस पर देश, डाक्टर खोता आला -



कौड़ियों के मोल जान- मेरा भारत महान !

पी.सी.गोदियाल "परचेत" 
 आला अधिकारी लड़ें, नेता भी मशगूल |
शर्मिंदा है मेडिकल, करते ऊल-जुलूल |
करते ऊल-जुलूल, हजारों बन्दे मारो  |
मातु-पिता को जेल, नार्वे में फटकारो |
रविकर यह दुर्दशा, पड़ा सत्ता से पाला |
डायलिसिस पर देश, डाक्टर खोता आला ||


बिचौलिया भरमार, ख़त्म कर रहे दलाली-

होंगे ख़त्म बिचौलिया, भरे माल में माल ।
खेतिहर मालामाल हो, ग्राहक भी खुशहाल ।
 
 ग्राहक भी खुशहाल, मिले मामा परदेशी ।
ईस्ट-इंडिया काल, लूट करते क्या वेशी ?

रविकर बड़े दलाल, बटोरेंगे अब ठोंगे ।
दस करोड़ बदहाल, आप भी इनमें होंगे ।।

ब्लॉग परिचय ''मेरी कलम मेरे जज़्बात ''

Aamir Dubai 

बात करें जज्बात की, कदर हृदय से कीन्ह।
प्रस्तुति में शालीनता,  ईश्वर शुभ वर दीन्ह ।
ईश्वर शुभ वर दीन्ह, नजाकत प्रेम नफासत ।
रामपूर लखनऊ, मिले हैं हमें विरासत ।
श्रेष्ठ गजल का ब्लॉग, भावना भरपूर भरें ।
है बढ़िया शिक्षिका, ध्यान से बात करें ।

 
 

चालिसवीं वर्षगाँठ पर शुभकामनायें -

 
चालिस-चालिस शेर के, दो मन होते एक ।
अमर रहे यह युगल-निधि, रूप भारती नेक ।
रूप भारती नेक, बैठ  गंगा के तट पर ।
कुल-संकुल इक संग, दमकता चेहरा रविकर ।
वर्षगाँठ  कामना,  रहे शुभ प्यार निखालिस ।
स्वस्थ देह मन मुदित, चालिसा रचिए चालिस ।।


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अरुण कुमार निगम
दोनिया पंचामृत भरी, दोना भरा प्रसाद |
भोग लगाओ प्रेम से, होवे मंगल-नाद |
होवे मंगल-नाद, शंख शुभ झांझर बाजे |
मनभावन श्रृंगार, मांग में सिंदूर साजे ||
बना रहे अहिवात, जियो हे सुयश सोनिया |
कर पंचामृत पान, अँजूरी धरो दोनिया ||

Can Vitamin C Help My Immune System ?

Virendra Kumar Sharma 
ताजे फल तरकारियाँ, नींबू मिर्ची तीक्ष्ण |
करिए नित व्यायाम भी, नियमित सेहत वीक्ष्ण |
नियमित सेहत वीक्ष्ण, रोग रोधी होती है |
टूट-फूट कोशिका, इन्हें भी संजोती है |
रखिये अपना ख्याल, समझिये जरा तकाजे |
गर्म दुशाला डाल, रहो बन हरदम ताजे ||

गीर अभ्यारण : शेर ही शेर

महेन्द्र श्रीवास्तव  
आधा सच...
संसद से चालू सड़क, धड़क धड़क गिरि जाय |
कुत्तों से ही अनगिनत, रविकर झुण्ड दिखाय  |
रविकर झुण्ड दिखाय, इन्हें भी सिंह कहे हैं-
होकर राजा श्रेष्ठ, शेरनी-जुल्म सहे हैं |
रहे बोलती बंद, प्रफुल्लित हम हैं बेहद |
जारी है दृष्टांत, देखनी यह भी संसद ||




10 comments:

  1. आपकी काव्यमय टिप्पणियाँ बहुत सुन्दर बन पड़ीं है!
    आभार आपका रविकर जी!

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  2. अरे वाह..!
    यहाँ भी कलमकारी कर दी!
    आपकी काव्यमय टिप्पणियाँ बहुत सुन्दर बन पड़ीं है!
    आभार आपका रविकर जी!

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  3. लोग मुझे कहते हैं की इतनी मेहनत क्यूँ करते हो भाई। लेकिन आप तो मुझसे दो कदम आगे हैं। शुक्रिया ,एक ब्लॉग सबका की पोस्ट शामिल करने के लिए।

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  4. चालिस-चालिस शेर के, दो मन होते एक ।
    अमर रहे यह युगल-निधि, रूप भारती नेक ।
    रूप भारती नेक, बैठ गंगा के तट पर ।
    कुल-संकुल इक संग, दमकता चेहरा रविकर ।
    वर्षगाँठ कामना, रहे शुभ प्यार निखालिस ।
    स्वस्थ देह मन मुदित, चालिसा रचिए चालिस ।।

    बहुत बढ़िया,,प्रस्तुति,,,

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  5. डायलिसिस पर देश, डाक्टर खोता आला -


    कौड़ियों के मोल जान- मेरा भारत महान !
    पी.सी.गोदियाल "परचेत"
    अंधड़ !
    आला अधिकारी लड़ें, नेता भी मशगूल |
    शर्मिंदा है मेडिकल, करते ऊल-जुलूल |
    करते ऊल-जुलूल, हजारों बन्दे मारो |
    मातु-पिता को जेल, नार्वे में फटकारो |
    रविकर यह दुर्दशा, पड़ा सत्ता से पाला |
    डायलिसिस पर देश, डाक्टर खोता आला ||
    बहुत बढ़िया तंज किया है इस देश की हीज़ू व्यवस्था पे .

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  6. वाह रविकर सर क्या बात है बेहतरीन लिंक्स उनको और भी खूबसूरत बनाते आपके लाजवाब दोहे, आदरणीय शास्त्री सर को 40वीं वर्ष-गाँठ पर हार्दिक बधाई

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  7. Thanks for providing great links.

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  8. बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स संयोजित किये हैं आपने ... आभार

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  9. बहुत बढ़िया काव्यात्मक टिपण्णी हैं सभी सेतुओं पर .

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