कौड़ियों के मोल जान- मेरा भारत महान !
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
आला अधिकारी लड़ें, नेता भी मशगूल |
शर्मिंदा है मेडिकल, करते ऊल-जुलूल | करते ऊल-जुलूल, हजारों बन्दे मारो | मातु-पिता को जेल, नार्वे में फटकारो | रविकर यह दुर्दशा, पड़ा सत्ता से पाला | डायलिसिस पर देश, डाक्टर खोता आला || |
बिचौलिया भरमार, ख़त्म कर रहे दलाली-
|
ब्लॉग परिचय ''मेरी कलम मेरे जज़्बात ''
Aamir Dubai
बात करें जज्बात की, कदर हृदय से कीन्ह। प्रस्तुति में शालीनता, ईश्वर शुभ वर दीन्ह । ईश्वर शुभ वर दीन्ह, नजाकत प्रेम नफासत । रामपूर लखनऊ, मिले हैं हमें विरासत । श्रेष्ठ गजल का ब्लॉग, भावना भरपूर भरें । है बढ़िया शिक्षिका, ध्यान से बात करें । |
|
|
आपकी काव्यमय टिप्पणियाँ बहुत सुन्दर बन पड़ीं है!
ReplyDeleteआभार आपका रविकर जी!
अरे वाह..!
ReplyDeleteयहाँ भी कलमकारी कर दी!
आपकी काव्यमय टिप्पणियाँ बहुत सुन्दर बन पड़ीं है!
आभार आपका रविकर जी!
आभार रविकर जी !
ReplyDeleteलोग मुझे कहते हैं की इतनी मेहनत क्यूँ करते हो भाई। लेकिन आप तो मुझसे दो कदम आगे हैं। शुक्रिया ,एक ब्लॉग सबका की पोस्ट शामिल करने के लिए।
ReplyDeleteचालिस-चालिस शेर के, दो मन होते एक ।
ReplyDeleteअमर रहे यह युगल-निधि, रूप भारती नेक ।
रूप भारती नेक, बैठ गंगा के तट पर ।
कुल-संकुल इक संग, दमकता चेहरा रविकर ।
वर्षगाँठ कामना, रहे शुभ प्यार निखालिस ।
स्वस्थ देह मन मुदित, चालिसा रचिए चालिस ।।
बहुत बढ़िया,,प्रस्तुति,,,
डायलिसिस पर देश, डाक्टर खोता आला -
ReplyDeleteकौड़ियों के मोल जान- मेरा भारत महान !
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
अंधड़ !
आला अधिकारी लड़ें, नेता भी मशगूल |
शर्मिंदा है मेडिकल, करते ऊल-जुलूल |
करते ऊल-जुलूल, हजारों बन्दे मारो |
मातु-पिता को जेल, नार्वे में फटकारो |
रविकर यह दुर्दशा, पड़ा सत्ता से पाला |
डायलिसिस पर देश, डाक्टर खोता आला ||
बहुत बढ़िया तंज किया है इस देश की हीज़ू व्यवस्था पे .
वाह रविकर सर क्या बात है बेहतरीन लिंक्स उनको और भी खूबसूरत बनाते आपके लाजवाब दोहे, आदरणीय शास्त्री सर को 40वीं वर्ष-गाँठ पर हार्दिक बधाई
ReplyDeleteThanks for providing great links.
ReplyDeleteबहुत ही अच्छे लिंक्स संयोजित किये हैं आपने ... आभार
ReplyDeleteबहुत बढ़िया काव्यात्मक टिपण्णी हैं सभी सेतुओं पर .
ReplyDelete