टुकड़े-टुकड़े था  हुआ,  सारा   बड़ा   कुटुम्ब, 
पाक, बांगला ब्रह्म बन, लंका सम जल-खुम्ब || 
अब घर छत्तिसगढ़ हुआ, चंडीगढ़ था यार,
अब घर छत्तिसगढ़ हुआ, चंडीगढ़ था यार,
पांडीचेरी चेरि सी, बिखरा घर-परिवार ||
झारखण्ड सी जिन्दगी, उगें हृदय में शूल,
खनिज सम्पदा  लुटा के,  मार नागरिक-मूल  ||
(नक्सल विचार )
नैनों के सैलाब से, कोसी करती रोष,
नैनों के सैलाब से, कोसी करती रोष,
बाढ़ प्रबन्धन में बहा, सब विहार का कोष ||
(आंसुओं में सब बह गया )
घोर उड़ीसा हो गया, सूख-साख जल स्रोत्र,
पानी की खातिर करूँ,  मान-मनौवल होत्र || 
(सम्मान के लिए मान-मनौवल )
काश्मीर  किस्मत  हुई, डाका  डाले  पाक, 
ख़त्म हुई इज्जत गई,  बन जम्मू-लद्दाक ||
(J & K  में केवल घाटी की  ही इज्जत / मोहल्ले में केवल उनकी )
बादल  सा  दिल फट गया,  बहा  उत्तराखंड,
कर लेते बर्दाश्त फिर, दिल्ली का पाखण्ड || 
(बादल फटने के बाद हुई तबाही, हाई-कमान केवल पाखण्ड करे )
उम्मीदी गुजरात की, आस्था का आगार |  
माँ   शेरावाली    करे ,  रविकर  बेडा   पार  ||
(सुख-समृद्धि सम्पन्नता और शान्ति)
महाराष्ट्र का राज भी,  मचा  रहा  आतंक,
अंडमान  नित मारता ,  तन्हाई का  डंक ||
(राज दार  /  अकेलापन   )
तेलंगाना  सा लगे, सारा  मध्य प्रदेश,
आंध्रा में फैला चले, ईर्ष्या सह विद्वेष ||
(मारकाट / भूख-प्यास और ससुराल में बुराई )
(मारकाट / भूख-प्यास और ससुराल में बुराई )
तमिलनाडु अम्मा चली, बाबू का करुणांत |
कर-नाटक का खात्मा,  लड़ते  संत-महंत || 
(सास तीर्थयात्रा, बाबु जी स्वर्ग )  (समस्या-समाधान के लिए टोना-टटका, पूजा पाठ)
हरियाणा-पंजाब  हो,   महफ़िल सजती शाम,
अरुणाचल के उदय से, होगा सम आसाम ||
(दारुबाज दोस्तों का साथ)     (नई सुबह ----समाधान )
केरल  के साहचर्य  से, यूपी  के  उत्पात,
बंद हो सकेंगे कहाँ,  घातों  पर  प्रतिघात ||
(पढ़े-लिखे समझदार)    (नोंक-झोंक)
 इन्तजार अब कर रहे, संस्कृति हो बंगाल,
काट-पीट कर फेंक दे, वैमनस्य  के  जाल ||
(रास-रंग, बेहतर समझबूझ)  (कूटनीतिक परिदृश्य )
देह   हमारी   हो   गई,   पूरी    राजस्थान,
हरियाली अब कर सके, गंगा का वरदान ||
( विषम परिस्थिति )
( विषम परिस्थिति )
जल्दी     गोवा    बनेगी,   लक्षद्वीप   की    रेत,
मणि-मेघा-सिक्किम-दमन, त्रिपुरा-लैंड समेत ||   
 
शुभप्रभात
ReplyDeleteअरे वाह यहा तो पूरा हिंदुस्तान है
खूबसूरती से सबकी पहचान है
सादर
बहुत सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteक्या बात
पूरा सही-सही नकशा उकेर कर रख दिया आपने - आभार !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति !!
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय !!
बहुत सुन्दर काव्यमयी टिप्पणियाँ!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति !!आभार !
ReplyDeleteवाह!!!बहुत शानदार,उम्दा प्रस्तुति,,,रविकर जी बधाई
ReplyDeleteRECENT POST: हमने गजल पढी, (150 वीं पोस्ट )
उम्दा प्रस्तुति..
ReplyDeleteअति सुन्दर प्रस्तुति। बधाई।।
ReplyDeleteपूरे भारत को उकेर दिया है आपनें अपनी कविता से...
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
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