Wednesday, 6 May 2015

दोहे -

(1)
ओवर-कॉन्फिडेंट हैं, इस जग के सब मूढ़ |
विज्ञ दिखे शंकाग्रसित, यही समस्या गूढ़ || 

(2)
चौथेपन तक समझ पर, उँगली रही उठाय । 
माँ पत्नी क्रमश: बहू, किन्तु समझ नहिं आय ॥