In Depth Fodder Scam Lalu Prasad Convicted Time Line Fodder Scam
SM
गौशाले में गाय खुश, बछिया दिखे प्रसन्न | बछिया के ताऊ खफा, छोड़ बैठते अन्न | छोड़ बैठते अन्न, सदा चारा ही खाया | पर निर्णय आसन्न, जेल उनको पहुँचाया | करते गधे विलाप, फायदा लेने वाले | चारा पाती गाय, हुई रौनक गौशाले || |
वारे न्यारे कब किये, कब का चारा साफ़ |
पर कोई चारा नहीं, कोर्ट करे ना माफ़ |
कोर्ट करे ना माफ़, दिखे करनी सी भरनी |
गौशाला आबाद, ,पार करले वैतरणी |
फटता अध्यादेश, कहाँ अब जाय पुकारे |
गैयों में आनंद, विलापें गधे दुवारे |
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ग़ज़ल : हमारा प्रेम होता जो कन्हैया और राधा साबाधा हरते श्याम कब, हैं अपने में लीन | कितनी सारी रानियाँ, राधा प्रेम प्रवीन | राधा प्रेम प्रवीन, साँवरे व्यस्त हुवे हैं | खाई हमने मात, खुदे उस ओर कुंए हैं | खाईं खन्दक ढेर, नहीं अब जाए साधा | दिखे युद्ध आसन्न, महाभारत की बाधा | |
भारत के रत्न मान पायें भारत के बाहर .
Shalini Kaushik
तीखा हमला कर रहे, जब अपने युवराज |
इनसे आगे चल पड़े, मोदी और नवाज |
मोदी और नवाज, शराफत दोनों छोड़ें |
त्याग समर्पण कर्म, प्यार के हाथ मरोड़ें |
पी एम् गांधी भक्त, बात जनपथ की भाती |
बोलो साध्वी नारि, नहीं औरत देहाती ||
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(1)
लहजा रहा मजाकिया, वैसे बड़ा शरीफ |
मजा किया इत आय के, पाई पाक रिलीफ |
पाई पाक रिलीफ, औरतों पर खिसियाता |
बेनजीर का भूत, फिदाइन से घबराता |
मीठे मीठे बोल, बात जो चाहे कह जा |
आतंकी घुसपैठ, छिनालों वाला लहजा |
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"जन्मदिन की बधाई" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
गुरुवर ने अर्पित कए, भाव भरे शुभ छंद | दीदी को शुभकामना, रहें स्वस्थ सानन्द | रहें स्वस्थ सानन्द, यही रविकर सन्देशा | देखो घर परिवार, सुखी संतुष्ट हमेशा | मिले सभी का प्यार, मिले सब से शुभ आदर | साधो नित साहित्य, रहो खुश दीदी गुरुवर || |
बहुत सुंदर सूत्र संयोजन
ReplyDeleteजन्मदिन पर आदरणीय
अमर भारती जी को ढेर सारी बधाईयां !
वारे न्यारे कब किये, कब का चारा साफ़ |
ReplyDeleteपर कोई चारा नहीं, कोर्ट करे ना माफ़ |
कोर्ट करे ना माफ़, दिखे करनी सी भरनी |
गौशाला आबाद, ,पार करले वैतरणी |
फटता अध्यादेश, कहाँ अब जाय पुकारे |
गैयों में आनंद, विलापें गधे दुवारे |
क्या बात है ?
ब्रज में आनंद भयो .
तीखा हमला कर रहे, जब अपने युवराज |
ReplyDeleteइनसे आगे चल पड़े, मोदी और नवाज |
मोदी और नवाज, शराफत दोनों छोड़ें |
त्याग समर्पण कर्म, प्यार के हाथ मरोड़ें |
पी एम् गांधी भक्त, बात जनपथ की भाती |
बोलो साध्वी नारि, नहीं औरत देहाती ||
तीखा हमला कर रहे, जब अपने युवराज |
इनसे आगे चल पड़े, मोदी और नवाज |
मोदी और नवाज, शराफत दोनों छोड़ें |
त्याग समर्पण कर्म, प्यार के हाथ मरोड़ें |
पी एम् गांधी भक्त, बात जनपथ की भाती |
बोलो साध्वी नारि, नहीं औरत देहाती ||
मारो घुसें लात छोड़ ये ठकुरसुहाती। सुन्दर सशक्त व्यंग्य विडंबन
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (01-10-2013) मंगलवारीय चर्चा 1400 --एक सुखद यादगार में "मयंक का कोना" पर भी है!
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'