Thursday, 1 August 2019
विधाता छन्द
हुआ
#नाकाम
बन्दा तो, करे वह
#इश्क
की पूजा।
बदलकर नाम अपना वह रखे उपनाम ही दूजा।
गजल गाता, घुमक्कड़ बन, सदा दारू पिये उम्दा-
#मुकम्मल
#इश्क
फेरे में, रहे हर वक्त मुँह सूजा।।
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