(1)
पीढियां दर पीढियां
फूंक करके बीड़ियाँ
मौत अपनी मर गए
चढ़ सके न सीढियाँ
(2)
लंगड़ा रही जो घोड़ियाँ
वो चढ़ सकी न सीडिया
असफल युवा कहता फिरे
ये रिश्ते, हमारी बेडिया
(3)
(3)
धोती भाड़े की पहन, किरमिच जूता धार
पगड़ी के लटकन हिलै, बाइक तीन सवार
बाइक तीन सवार, लगे हैं रंग जमाने
घूमैं सीना तान, चले खुब नाम कमाने खुलिहै लेकिन पोल, जबै दिन अइहैं गाढे
शेखी रहे बघार किसी का कुरता झाड़े
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