चुप्पी के युवराज की, पार्टी बोले जै |
दूजे दल का मामला, करते झटपट कै |
करते झटपट कै, करें खुब तीखे हमले |
हो माया की बात, सुनाते प्यारे जुमले |
पर अनशन अफ़सोस, द्वेष की कडुवी झप्पी |
नव-गाँधी नव-दिन, लगा के बैठा चुप्पी ||
अरुणेश दवे जी ने अभी बताया कि चुप्पी टूट गई ---
अन्ना को भ्रष्टाचारी बताने वाले मनीष तिवारी से भी खतरनाक
ढपोर-शंख बाजा ---
एक मांगने पर दो बोले, दो मांगो तो चार है |
ये भी तो ऐ राहुल चुप्पे, तेरा भ्रष्ट व्यवहार है ||
bahut bahut sundar
ReplyDeleteअंदर की बात है ... अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteवाह ! क्या लिखा है आपने सचमुच लाजावाब...
ReplyDeleteआप भी यहाँ जरुर आये मुझे ख़ुशी होगी
MITRA-MADHUR
MADHUR VAANI
BINDAAS_BAATEN
पर अनशन अफ़सोस, द्वेष की कडुवी झप्पी |
ReplyDeleteनव-गाँधी दिन-नव, लगा के बैठा चुप्पी ||..
keen observation.
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चुप्पी के युवराज की, पार्टी बोले जै |
ReplyDeleteदूजे दल का मामला, करते झटपट कै |
करते झटपट कै, करें खुब तीखे हमले |
हो माया की बात, सुनाते प्यारे जुमले |
पर अनशन अफ़सोस, द्वेष की कडुवी झप्पी |
नव-गाँधी दिन-नव, लगा के बैठा चुप्पी ||
पूतना माया का दूध पीके ही मरेगा "नरेगा ".
बेहतरीन चुटकी इस मंदमति बालक पर ,जिसकी ओक्सफोर्ड-, डिग्री भी नकली ..,म
चुप्पी के युवराज की, पार्टी बोले जै |
ReplyDeleteदूजे दल का मामला, करते झटपट कै |
करते झटपट कै, करें खुब तीखे हमले |
हो माया की बात, सुनाते प्यारे जुमले |
पर अनशन अफ़सोस, द्वेष की कडुवी झप्पी |छा गए हमारे रविकर जी ,अब मंदमति की खैर नहीं ,जो भाग सके वो भाग गए ......अब बचे खुचों की ठौर नहीं .......
बृहस्पतिवार, २५ अगस्त २०११
बहुत देर कर दी हुज़ूर आते आते ......
http://veerubhai1947.blogspot.com/
Friday, August 26, 2011
"बद" अच्छा "बदनाम" बुरा...
"बद अच्छा ,बदनाम ,बुरा
बिन पैसे ,इंसान बुरा ,
काम सभी का ,एक ही है ,पर मनमोहन का नाम बुरा .------
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
बोल दिया है चुप्पे ने ढपोर शंख की तर्ज पर बड़े वादे कर दिया कि क्या छॊटी चीज मांगते हो बड़ा सोचो
ReplyDeleteएक मांगने पर दो बोले, दो मांगो तो चार |
ReplyDeleteयह भी तो ऐ राहुल प्यारे, लागे भ्रष्टाचार ||
बोल दिये हैं राहुल बाबा भी संसद में, शायद आपकी पोस्ट का असर है।
ReplyDeleteकमेंट्स पढ़ता रहा हूँ आपके, हर मौके पर त्वरित प्रतिक्रिया प्रभावित करती है।
एक मांगने पर दो बोले, दो मांगो तो चार |
ReplyDeleteयह भी तो ऐ राहुल प्यारे, लागे भ्रष्टाचार ||...आप की सोच की
बारीकी को सलाम....
बहुत -बहुत आभार ||
ReplyDeleteएक मांगने पर दो बोले, दो मांगो तो चार है |
ReplyDeleteये भी तो ऐ राहुल चुप्पे, तेरा भ्रष्ट व्यवहार है ||
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वाह क्या बात है।
वन्देमातरम्।