Monday, 29 August 2011

जाट-देवता की 39 वीं वर्षगाँठ : 31 अगस्त को

मेरी हार्दिक बधाई  || 
संदीप जी का परिचय :
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"भोजदेव"  के  "धार" से,  मालव-महिमा  धार |
"शबगा"  में आकर जमे, "व्याघ्र-प्रस्थ" आगार ||
 पिता भारतीय थलसेना में जाट रेजीमेंट में थे।
सेना में रहते हुए दो बार पाकिस्तान से युद्द में शामिल हुए। जिसमें एक बार
एक पाकिस्तानी गोली मेरे पिता की छाती के  बीचोबीच से आर-पार हो गयी थी।
हमें दोनों तरफ का निशान दिखाया करते थे,
फौजी   कालू  राम  जी,   देश-भक्त  परिवार |
यमुना तट पर कृष्ण सा,  पाया  स्नेह-दुलार||

देवी  माँ  सन्तोष   के,  हृदय  का टुकड़ा एक |
ब्लाग-जगत हर्षित हुआ,  पाया  बन्दा  नेक ||




रीना संग  माला बनीमणिका  बड़ी पिरोय |
पुत्र  पवित्र  के संग में,   आँगन  पावन  होय ||


https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhIrn1A7Lp9bg9tghBGV44GxBk1SJqAzJtKolv5NkkrDXnRNEXMmwI7KGCYSK3k2cOhmDunnowDQtdvmGNHSIDZFguI92p7m57lcKQ12xUQIezW1H2UbK4M8o3zG7ido0wPRaNjktsxwlA/s1600/b.jpghttps://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhT7mqO2yIzS4zycNnRxJi-V6MvrYCohgpptcun5edpK2kE8a_1xB3jRB-QXV-6e7E2253wnCDckJJsH259j_5rVQ_q0EF1I8H3O2ZQL8dGDQGrV-PXa9gGkpPALOumR9bPIlsZQpn1elM/s1600/101.jpg
                          

शुभकामनाएं

अक्कड़-बक्कड़  बम्बे-बो, 
अस्सी    नब्बे    पूरे    सौ ||

अक्षय  और  अनंत  ऊर्जा  का, 
शाश्वत   भण्डार   सूर्य  हो |

मत्स्य-भेदते द्रुपद-सुता के, 
स्वप्नों के प्रिय-पार्थ-पूर्य हो || 

सुबह महाशिवरात्रि पर गंगा जल चढाने के लिए लम्बी लाइन
घुमक्कड़ी   के   संदीपक  हो,  
मित्रों  ने  पाया  उजियारा |


परिक्रमा  सारी  दुनिया  की, 
दुर्गम-दुर्धुष  सा  व्रत  धारा ||

पञ्चम-स्वर की चार-श्रुति में, 
तीजी श्रुति संदीपन से तुम | 

सागर सर नद तट कौतूहल, 
मठमंदिर वन-उपवन से तुम ||

पर्वत  के  उत्तुंग-शिखर  पर, 
मानवता  का  ध्वज  फहराते |

तप्त-मरुस्थल  पर  गर्वीले, 
अपने  विजयी  कदम  बढाते ||
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiGMmHlqY8cEkvgl2XTKtXMeUL3AYBkrpkie5N7shtuYeOfRJYvmVWEAvirIJ0HpLklxQEmvrgBbbafSBuS8Z1osBTQkQ4vOWYK1XEb6837vxp8NfaFQCMNnMZzyIB3cloZ2j1v6i0vY7c/s1600/23.jpg

प्रकृति सुंदरी के दर्शन हित, 
निकल पड़ें जैसे  फटती पौ |

अक्कड़ - बक्कड़  बम्बे-बो,  
अस्सी    नब्बे    पूरे    सौ ||


जाट - देवता   से  सदा,  रहिएगा   हुसियार |
जाट-खोपड़ी  क्या  पता,  कब  कर देवे मार | 
  कब   कर   देवे   मार,  हाथ  माँ  डंडा  साजे  | 
 मिले  न  दुश्मन  तो,  दोस्त  का बाजा बाजे || 
लो "रविकर" पर जान, जान  देने  की  बारी |
मित्रों  पर  कुरबान,  रखे    पक्की   तैयारी ||

17 comments:

  1. जाट देवता को हमारी भी शुभकामनायें,
    रवि जी आपने बहुत सुन्दर शब्दों में इनका परिचय कराया इसलिए चलिए आपका भी हम आभार कर ही देते हैं.

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  2. जाट देवता को शुभकामना ........आपने तो उनका भव्य चरित्र चित्रण किया है, आपका आभार

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  3. रविकर जी की जय हो।
    कल आपके लिये आइसक्रीम की दावत है, जरुर आये।

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  4. जाट देवता को बहुत बहुत शुभकामना्ये ........रवि जी आपने बहुत सुन्दर शब्दों में इनका परिचय कराया बहुत आभार.....

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  5. जाट देवता को बहुत बहुत शुभकामना्ये ..
    31st augustaap ka janam din pe sabhi bloger ki taraf se subh kamanaye ||
    wish you happy birthday......................... aaap ko janam din ka subh kamana

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  6. जाट देवता को हमारा शत शत नमन .......!

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  7. बहुत सुन्दर।
    --
    इस पोस्ट पर तो हम पहले ही बधाई दे चुके हैं!
    एक बार फिर से सही "बधाई"!
    --
    भाईचारे के मुकद्दस त्यौहार पर सभी देशवासियों को ईद की दिली मुबारकवाद।
    --
    कल गणेशचतुर्थी होगी, इसलिए गणेशचतुर्थी की भी शुभकामनाएँ!

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  8. अरे साब एक ही बार मिले हैं या जाट से एक दम से "अन्ना चौकन्ना " इंसान है ,हमें अपनी इतिहासिक पर्यटन बाइक पर बिठाकर "सेंटर फॉर साईट 'सफ़दर जंग एन्क्लेव ले गये ,हमारी आँखों की जांच करवाई ,हमारे तीमारदार बनके ये जाट देवता आये ,आज इनके जन्म दिनपर मन गदगद हैं जाट हो तो ऐसा हो ....जैसी भाई संदीप ,करे हर दिशा प्रदीप्त .बधाई !आइस क्रीम ड्यू हम चण्डीगढ़ में हैं ,साइबर कैफे से लिखा जा रहा है ,लैप टॉप का स्क्रीन कोंग्रेस की तरह निस्तेज है उपचाराधीन है नेहरु प्लेस में .

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  9. संसद भरो अभियान
    टाइमस ऑफ़ इंडिया पर प्रकाशित एक टिपण्णी ने मुझे इतना प्रभावित किया की मैने सोचा की क्यों न में इसे अपने ब्लॉग पर डाल कर इसका प्रसार करूँ? किरण बेदी और ओम पुरीजी ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। हमें दिखाना है की राष्ट्र जग गया है, ईसके लिये हम सब आइये नेताओ को अन्पड, ग्वार, नालायक , दोमुहे, चोर देशद्रोही, गद्दार कहती हुई एक चिठ्ठी लोकसभा स्पीकर को भेजे(इक पोस्टकार्ड ). देखते हैं देश के करोडो लाखो लोगो को सांसद कैसे बुलाते है अपना पक्ष रखने के लिये। यादी इससे और कुछ नहीं हुआ तो भी बिना विसिटर पास के लोक तंत्र के मंदिर संसद को देखने और किरण बेदी के साथ खड़े होने का मौका मिलेगा। और संसद ने सजा भी दे दी तो भी एक उत्तम उद्देश्य के लिये ये जेल भरो होंगा।
    में एक बार फिर ये स्पष्ट कर दू की यह विचार मैने एक टिप्पणी से उठाये हैं पर में इससे १००% सहमत हूँ। कृपया इस विचार को अपने अपने ब्लॉग पर ड़ाल कर प्रसारित करे। आइये राष्ट्र निर्माण में हम अपनी भूमिका निभाये।
    जय हिंद
    प्रस्तुतकर्ता Nilam-the-chimp पर 8:09 PM
    लेबल: अन्ना, आन्दोलन, किरण-बेदी

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  10. रविकर जी, आपने तो कमाल कर दिया। खूबसूरत पंक्तियों में पूरा परिचय दे दिया हमारे संदीप का।

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  11. सन्दीप को बधाई, और आपका धन्यवाद इतनी खूबसूरत प्रस्तुति के लिये!

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  12. इधर भी एक बार सन्दीप भाई के साथ यात्रा कर चुके हैं। वीरूभाई जी, आप ठीक कहते हो कि ‘अन्ना चौकन्ना’ इंसान हैं।

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  13. हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  14. जाट देवता को हमारी भी शुभकामनाये ।

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  15. JATO KI TAKAT KA PATA LAGANA BADI MUSKIL BUL HOGI THANKS NARAYAN JAT

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  16. JATO KI TAKAT KA PATA LAGANA BADI MUSKIL BUL HOGI THANKS NARAYAN JAT

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  17. वाह बहुत खूब अंदाजे बयां ..
    जाट देवता को हार्दिक शुभकामनाएँ..

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