Tuesday, 4 June 2013

झारखण्ड सी जिन्दगी, उगें हृदय में शूल-

टुकड़े-टुकड़े था  हुआ,  सारा   बड़ा   कुटुम्ब, 
पाक, बांगला ब्रह्म बन, लंका सम जल-खुम्ब || 


अब घर छत्तिसगढ़ हुआ, चंडीगढ़ था यार,
पांडीचेरी चेरि सी, बिखरा घर-परिवार ||

झारखण्ड सी जिन्दगी, उगें हृदय में शूल,
खनिज सम्पदा  लुटा के,  मार नागरिक-मूल ||
(नक्सल विचार )


नैनों  के  सैलाब  से,  कोसी   करती  रोष,
बाढ़ प्रबन्धन में बहा, सब विहार का कोष ||
(आंसुओं में सब बह गया )

घोर उड़ीसा हो गया, सूख-साख जल स्रोत्र,
पानी की खातिर करूँ,  मान-मनौवल होत्र ||
(सम्मान के लिए मान-मनौवल )

काश्मीर  किस्मत  हुई, डाका  डाले  पाक,
ख़त्म हुई इज्जत गई,  बन जम्मू-लद्दाक ||
(J & K  में केवल घाटी की  ही इज्जत / मोहल्ले में केवल उनकी )

बादल  सा  दिल फट गया,  बहा  उत्तराखंड,
कर लेते बर्दाश्त फिर, दिल्ली का पाखण्ड ||
(बादल फटने के बाद हुई तबाही, हाई-कमान केवल पाखण्ड करे )

उम्मीदी गुजरात की, आस्था का आगार | 
माँ   शेरावाली    करे ,  रविकर  बेडा   पार  ||
(सुख-समृद्धि सम्पन्नता और शान्ति)

महाराष्ट्र का राज भी,  मचा  रहा  आतंक,
अंडमान  नित मारता ,  तन्हाई का डंक ||
(राज दार  /  अकेलापन   )

तेलंगाना  सा लगे, सारा  मध्य प्रदेश,
आंध्रा में फैला चले, ईर्ष्या सह विद्वेष ||
(मारकाट / भूख-प्यास और ससुराल में बुराई )

तमिलनाडु अम्मा चली, बाबू का करुणांत |
कर-नाटक का खात्मा,  लड़ते  संत-महंत ||
(सास तीर्थयात्रा, बाबु जी स्वर्ग )  (समस्या-समाधान के लिए टोना-टटका, पूजा पाठ)

हरियाणा-पंजाब  हो,   महफ़िल सजती शाम,
अरुणाचल के उदय से, होगा सम आसाम ||
(दारुबाज दोस्तों का साथ)     (नई सुबह ----समाधान )

केरल  के साहचर्य  से, यूपी  के  उत्पात,
बंद हो सकेंगे कहाँ,  घातों  पर  प्रतिघात ||
(पढ़े-लिखे समझदार)    (नोंक-झोंक)

 इन्तजार अब कर रहे, संस्कृति हो बंगाल,
काट-पीट कर फेंक दे, वैमनस्य  के  जाल ||
(रास-रंग, बेहतर समझबूझ)  (कूटनीतिक परिदृश्य )

देह   हमारी   हो   गई,   पूरी    राजस्थान,
हरियाली अब कर सके, गंगा का वरदान ||
( विषम परिस्थिति )

जल्दी     गोवा    बनेगी,   लक्षद्वीप   की    रेत,
मणि-मेघा-सिक्किम-दमन, त्रिपुरा-लैंड समेत || 

11 comments:

  1. शुभप्रभात
    अरे वाह यहा तो पूरा हिंदुस्तान है
    खूबसूरती से सबकी पहचान है
    सादर

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  2. बहुत सुंदर प्रस्तुति
    क्या बात

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  3. पूरा सही-सही नकशा उकेर कर रख दिया आपने - आभार !

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  4. बहुत सुन्दर प्रस्तुति !!
    सादर आभार आदरणीय !!

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  5. बहुत सुन्दर काव्यमयी टिप्पणियाँ!

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  6. बहुत सुन्दर प्रस्तुति !!आभार !

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  7. वाह!!!बहुत शानदार,उम्दा प्रस्तुति,,,रविकर जी बधाई

    RECENT POST: हमने गजल पढी, (150 वीं पोस्ट )

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  8. उम्दा प्रस्तुति..

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  9. अति सुन्दर प्रस्तुति। बधाई।।

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  10. पूरे भारत को उकेर दिया है आपनें अपनी कविता से...

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  11. सुन्दर प्रस्तुति

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