Thursday, 6 June 2013

हार्दिक बधाइयाँ --

 विवाह की इकतीसवीं वर्षगाँठ :
 ब्याह हुये इकतीस सुहावन साल भये नहिं भान हुआ 
 

नित्य निरंतर जीवन में पल का पहिया गतिमान हुआ 
 
छाँव कभी अरु धूप कभी हर मौसम एक समान हुआ...
अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ) पर 
अरुण कुमार निगम

हार्दिक बधाइयाँ 
  शुभकामनाये

बाहिन-बांह फंसाय रहे, लिपटे जस फोर बनावत हैं |
काह कहें जब झूठ लिखें, इकतीस हमें बतलावत हैं |
ब्याह हुवे दुइ वर्ष हुवे, मन से मुखड़े मुसकावत हैं |
क्यूँ भइया-भउजी मिलके, अरुणे-सपने भरमावत हैं -
----ravikar 

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) has left a new comment on your post "पलटे नित-प्रति पृष्ट, आज पलटे फिर रविकर चर्चा मंच ...": 

शादी की इकतीसवीं सालगिरह पर मित्र
दी सुंदर शुभ-कामना , खूब सवैया चित्र
खूब सवैया चित्र , हवायें महकी -महकी
आलम है रंगीन , दिशायें बहकी -बहकी
मैं भी मन की बात , कहूंगा सीधी-सादी
लगता मानों अभी-अभी ही की थी शादी

7 comments:

  1. बहुत-बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनायें ....
    ये शुभकामनायें मैं अपने लिए भी रख लेती हूँ
    बस 9/6 को दोबारा नहीं कहना पड़ेगा ....

    ReplyDelete
  2. बहुत बहुत .शुभकामनायें .
    .आभार . चमन से हमारे जाने के बाद . साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN

    ReplyDelete
  3. बहुत बढ़िया प्रस्तुति ..
    हमारी ओर से भी निगम जी को हार्दिक बधाई

    ReplyDelete
  4. शादी की इकतीसवीं सालगिरह पर अनेकानेक बधाइयाँ. इसी तरह तमाम सालगिरह आती रहें.

    शुभकामनाएँ

    ReplyDelete