Saturday 27 July 2013

पानी मथने से नहीं, मिलता घी श्रीमान-



कब से बैठे है , विपक्ष में , अपने घर में, फांके होते : सतीश सक्सेना
ताऊ रामपुरिया 
भेजा छुट्टी पर अभी, पुत्र दुशासन दूर |
चीर-हरण हो ना सका, सत्ता है मजबूर |


सत्ता है मजबूर, मगर अभ्यास कराये |
खोटा अपना माल, सौ टका टंच बताये |


गांधारी बीमार, पका ना आज कलेजा |
खा मुर्गे की टांग, चबा ले भूना भेजा ||


कर खूनी इफ्तार, मिला क्या अरे केकड़ों-

 Bombings at busy market in north Pakistan kill 39
Pakistani villagers injured in a bomb blast recover at at a local hospital in Parachinar, Pakistan on Friday, July 26, 2013. A pair of bombs exploded in a busy market area Friday night in northern Pakistan, tearing through crowds of shoppers grabbing last-minute items to break their daily fast during the holy month of Ramadan and killing nearly two dozen people, a doctor said. (AP Photo/Ali Afzal)

दंगे से आतंक का, सीधा सा सम्बन्ध |
फैलाते रहते सदा, दिल्ली वाले गन्ध |

दिल्ली वाले गन्ध, पाक में मरे सैकड़ों |
कर खूनी इफ्तार, मिला क्या अरे केकड़ों |

एक धर्म इक देश, इबादत के दिन नंगे |
करते बम विस्फोट, कराया किसने दंगे ||

टंच माल है सौ टका, चाट चंट चंडाल-



टंच माल है सौ टका, चाट चंट चंडाल |
थूक थूक के चाटता, खूब बजावे गाल |

खूब बजावे गाल, बने जौहरी पुराना |
कभी गुरू-घंटाल, कभी आतंकी नाना |

वाणी से दिग्विजय, भूल है मकड़-जाल है |
ले अंतर में झाँक, बड़ा ही टंच माल है ||

  महा *महात्यय ही मिला, ठहरा कहाँ विनाश |
सिधर महात्मा दे गया, नाम स्वयं का ख़ास |


नाम स्वयं का ख़ास, करम मोहन के गड़बड़  |
रहा रोज ही पूज, आज भी गांधी बढ़कर |


हिन्दुस्तानी मूर्ख, रहा हरदम ही गम हा  |
पकड़े दौड़ लगाय, लिए वैशाखी दमहा ||
*सर्वनाश

हर गांधी में अगर हमने महात्मा न ढूढा होता !


पी.सी.गोदियाल "परचेत" 

पाँच रुपैया में सुलभ, शौचालय जब होय |
इक रोटी ही खाइये, अपने हाथे पोय |


अपने हाथे पोय, जमा के ईंधन कचड़ा |
होवे दुहरा काम, गैस का छूटा पचड़ा |


ढूँढो नीम हकीम, मील मिड डे भी भैया |
जहर जरा सा जीम, बचेंगे पाँच रुपैया-

एल्लो उनको पता ही नहीं



शब्दकोष देते बदल, दल बल छल आयॊग |
सब "गरीब रथ" पर चढ़े, किये बिना उद्योग |
किये बिना उद्योग, हिरन खुद घुसे गुफा में |
खा जाए अब शेर, हाथ में बगुली थामे |
गजल कह रहे शेर, बदल कर आज गद्य को |
गिरता गया अमीर, सँभालो पकड़ शब्द को ||



 Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून
झापड़ पाँच रसीद कर, कर मसूद को माफ़  |
हिले तराजू राज का,  बालीवुड इन्साफ |
बालीवुड इन्साफ, रुपैया बारह ले ले |
ओढ़े बब्बर खाल, गधे को पब्लिक झेले |
करते जद्दो-जहद , बेलना पड़ता पापड़ |
आ जाती तब अक्ल, पेट भरता ना झापड़ ||


पानी मथने से नहीं, मिलता घी श्रीमान |
अब्दुल्ला भी खा रहे, इक रूपये में जान ||

मेरा पागलपन सा लगता है..... !!!

sushma 'आहुति' 


पागलपन सचमुच सही, रही सही उम्मीद  |
इसी बहाने बीतती, खुद की होली ईद ||

बहन की असलियत

Shalini Kaushik  

खुराफात में लीन हैं, रिश्ते-नाते दोस्त |
सम्बन्धों पर चढ़ चुके, मोटी चमड़ी,गोश्त |
मोटी चमड़ी,गोश्त, भाँजना झूठ बोलना |
गायब मासूमियत, राज ले, पोल खोलना |
घर घर की लघु कथा, बड़ा दम दिखे बात में |
अपनी चिंता छोड़, लीन जग खुराफात में ||


वोटों की दरकार, गरीबी वोट बैंक है-



लेकर कुलकर आयकर, करती क्या सरकार |
लोकतंत्र सुकरात का, वोटों की दरकार |

वोटों की दरकार, गरीबी वोट बैंक है | 
विविध भाँति सत्कार, तंत्र में फर्स्ट-रैंक है |

दे अनुदान तमाम, मुफ्त में राशन देकर |
करते अपना नाम, रुपैया हमसे लेकर ||

4 comments:

  1. दंगे से आतंक का, सीधा सा सम्बन्ध |
    फैलाते रहते सदा, दिल्ली वाले गन्ध |

    दिल्ली वाले गन्ध, पाक में मरे सैकड़ों |
    कर खूनी इफ्तार, मिला क्या अरे केकड़ों |

    एक धर्म इक देश, इबादत के दिन नंगे |
    करते बम विस्फोट, कराया किसने दंगे ||

    क्या बात है सरजी व्यापक कलेवर और वजन की टिप्पणियाँ हैं कुंडलियों में। ॐ शान्ति

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  2. aapke dwara har post par kee gayi tippani us post ka man badha deti hai .meri laghu katha ko sthan dene hetu aabhar

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज रविवार (28-07-2013) को त्वरित चर्चा डबल मज़ा चर्चा मंच पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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