Wednesday, 29 June 2016
मुसीबत खड़ी सामने हो कभी
मुसीबत खड़ी सामने हो कभी,
कौन जाता वहाँ से यही देखिये |
बड़ा मतलबी है हमारा शहर
कौन रुकता वहाँ पर नहीं देखिये |
डटो सामने तुम करो सामना
जो साधन वहाँ पर वही देखिये |
मिलेगी विजय और पहचान होगी
गलत देखिये कुछ सही देखिये ||
Wednesday, 8 June 2016
मैं माँ का अनमोल खिलौना
मैं माँ का अनमोल खिलौना ।
नन्हा मुन्हा प्यारा छौना ।
थपकी दे माथा सहलाती
लोरी गाती दूध पिलाती
हरदिन अपने पास सुलाती |
सूखे में सरकाती जाती -
भीगा माँ का रहे बिछौना ।
मैं माँ का अनमोल खिलौना ।।
असमय जागा असमय रोया |
असमय माँ का बदन भिगोया |
मालिस करके वह नहलाती |
इक पुकार पे दौड़ी आती |
माँ की राह ताकता रहता
जब तक था मैं आधा-पौना |
मैं माँ का अनमोल खिलौना ।।
बिना बताये बाहर जाता |
बड़े बहाने रहा बनाता |
जब पापा को गुस्सा आता |
तुरत बचाने आती माता |
करवा देती शादी-गौना |
मैं माँ का अनमोल खिलौना ।।
पोते पोती पाती माता |
उनसे मन बहलाती माता |
बार बार जब खाँसी माता |
हुई बहू से बाती-बाता |
रविकर तब हो जाता बौना ||
मैं माँ का अनमोल खिलौना ।।
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