Monday 18 July 2016

पड़ा तरुण तब बोल, अलग रहिये अब पापा-

पापा सब कुछ जानते, वे तो हैं विद्वान।
बच्चा बच्चों से कहे, मेरे पिता महान ।

मेरे पिता महान, शान में पढ़े कसीदे।
कहता किन्तु किशोर, ध्वस्त जब हो उम्मीदें।

कम व्यवहारिक ज्ञान, किया चिड़चिड़ा बुढ़ापा।
पड़ा तरुण तब बोल, अलग रहिये अब पापा।।

2 comments: