Wednesday, 28 June 2017
नारी कटा के चोटियाँ तब चोटियाँ चढ़कर दिखाये।
पुचकारते पापा मगर भाई लताड़े मर्द ताड़े।
आँखे तरेरे पुत्र भी तो आ रहा पति दम्भ आड़े।
जब पैर की जूती कहे जग अक्ल चोटी में बताये।
नारी कटा के चोटियाँ तब चोटियाँ चढ़कर दिखाये।।
1 comment:
सुशील कुमार जोशी
29 June 2017 at 08:14
सच्ची बात।
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सच्ची बात।
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