नियमित नहिं लिक्खाड़-लिंक, लिख पाया ना सार ।
नागँवार जग-को लगे, जब ना लिखे गँवार ।
जब ना लिखे गँवार, मुश्किलें आईं हटकर ।
दुश्मन रहें प्रसन्न, सन्न सन्नाटा रविकर ।
बीते आपद-काल, शीघ्र हो जाय व्यवस्थित ।
त्वरित टिप्पणी छाप, ब्लॉग पर आये नियमित ॥
नीतीश की हरकत से मज़ा आ गया
दिवसभारत स्वाभिमान दिवस
तीसमार खाँ तीर से, कर के गया गुनाह |
अल्लाता अलसेटिया, अभिनन्दित अल्लाह |
अल्लाता=चिल्लाना
अलसेटिया=व्यर्थ में अडंगा डालने वाला
अल्लाता अलसेटिया, अभिनन्दित अल्लाह |
अल्लाता=चिल्लाना
अलसेटिया=व्यर्थ में अडंगा डालने वाला
नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!! बहुत दिनों बाद ब्लाग पर आने के लिए में माफ़ी चाहता हूँ
ReplyDeleteबहुत खूब बेह्तरीन
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
मेरी मांग
बहुत बढिया
ReplyDeleteआभार
तीसमार खाँ तीर से, कर के गया गुनाह |
ReplyDeleteअल्लाता अलसेटिया, अभिनन्दित अल्लाह |
अल्लाता=चिल्लाना
अलसेटिया=व्यर्थ में अडंगा डालने वाला
बहुत खूब सर जी .
ReplyDeleteबढिया, बहुत सुंदर
ReplyDeleteएक दम सटीक कहा सर जी , कैसे भी नहीं जीने देते :)
ReplyDeleteवह सर जी क्या अंदाज़ है कहने का ,बेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन गुरुदेव,आभार.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति
ReplyDeleteवाह...बहुत बढिया।
ReplyDeleteपढ़कर मन प्रसन्न हो गया।
बढिया बढिया ..
ReplyDeleteबैसाखी व 'स्कन्दमाता दिवस' की वधाई !!
ReplyDeleteगँवार का नागवार लगना अच्छा लगा !!
बीते आपद-काल, शीघ्र हो जाय व्यवस्थित ।
ReplyDeleteत्वरित टिप्पणी छाप, ब्लॉग पर आये नियमित ॥ बहुत बढ़िया प्रस्तुति,आभार रविकर जी...
Recent Post : अमन के लिए.
सुंदर प्रस्तुति.......
ReplyDeleteमत चूके चौहान - मौका कोई नहीं चूकते आप !
ReplyDeleteसुंदर रचना
ReplyDelete'मैया का चोला'[लखबीर सिंह लख्खा]
सुंदर रचना.अच्छी प्रस्तुति .बधाई .
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