उपेक्षित होने का दर्द कहलवा रहा है दूसरे ब्लॉगों को Bakwas
DR. ANWER JAMAL
बच्ची बच्चा बस बचा, चचा चची का जोर ।
धमाचौकड़ी ले मचा, नचा रहा मन-मोर ।
नचा रहा मन-मोर, मुबारक क्लिक किलकारी ।
लिखते ब्लॉग करोर, किन्तु कुछ ही नर नारी ।
डालें व्यापक छाप, छाप कर झूठी सच्ची ।
कर रविकर तू वोट, जियें कुल बच्चा बच्ची ॥
shukriya.
ReplyDeleteumda kavy.
गुरूजी ..... आप जो भी लिखते हैं गज़ब लिखते हैं | आभार | बहुत सुन्दर |
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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बहुत बढ़िया सर जी....
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