ब्लास्ट का पोलिटिकल दुःख
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ठोको कील शकील के, बके बयान कमाल-
धमाचौकड़ी धमाके, माँ के बाँके लाल ।
ठोको कील शकील के, बके बयान कमाल ।
बके बयान कमाल, माल से वोट कमाओ ।
धरा खून से लाल, लाल पी एम् बनवाओ ।
समझौता नक्सली, दोस्त आतंकी आओ ।
मारो पब्लिक धूर्त, दुबारा चलो जिताओ ॥
अदावत अदा लत लताड़ : सत्य-कथा-1
मुखड़े बड़े प्रसन्न थे, उत्फुल्लित थे गात ।
नई कार का आगमन, आखिर हुआ प्रभात ।
आखिर हुआ प्रभात, मगन-मन बच्चे चढ़ते ।
लेकिन सिर मुड़वात, तड़ातड़ ओले पड़ते ।
बच्चों की क्या बात, मातु बच्चों की उखड़े ।
देखा लहूलुहान, लाल उन सबके मुखड़े ।
sundar kavita or cartoon !!
ReplyDeleteआपका यह प्रयास सराहनीय है ....
ReplyDeleteसादर
वाह!
ReplyDeleteएक त ससुरे के इज्जत देई जात है ...
ReplyDeleteधरा खून से लाल, लाल पी एम् बनवाओ ।
shakeel ahamad ka dimaag blast kar gaya hai
ReplyDeleteबहुत उम्दा प्रस्तुति ,,,रविकर जी,,
ReplyDeleteRECENT POST : प्यार में दर्द है,
सुंदर प्रस्तुति !
ReplyDeleteटिप्पणियाँ पढ़कर आनन्द आ गया!
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