टैग लगी लाइन मिली, लिख दिल्ली दिलदार -
दिल्ली में पर्यटन का, करना है विस्तार ।
टैग लगी लाइन मिली, लिख दिल्ली दिलदार ।
लिख दिल्ली दिलदार, छुपा इतिहास अनोखा ।
किन्तु रहो हुशियार, यहाँ पग पग पर धोखा ।
लूट क़त्ल दुष्कर्म, ठोकते मुजरिम किल्ली ।
रख ताबूत तयार, रिझाए दुनिया दिल्ली ॥
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हॉलीवुड की नर्तकी, आय हिन्दु को लाज-
नाची क्यूँ बिंदी लगा, मुजरा घुंघरू साज ।
हॉलीवुड की नर्तकी, आय हिन्दु को लाज ।
आय हिन्दु को लाज, नकलची हमसे बढ़कर ।
सेलेना धिक्कार, कहे धर्मांध बिगड़कर ।
सकते हमी उडाय, धज्जियां साँची-साँची ।
तुम होती हो कौन, लगा के बिंदी नाची ॥
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बहुत उम्दा,सुंदर लेखन ,,,
ReplyDeleteRECENT POST : प्यार में दर्द है,
तैयार -सकते हमी उडाय, धज्जियां साँची-साँची ।
ReplyDeleteतुम होती हो कौन, लगा के बिंदी नाची ॥
बढ़िया व्यंग्य विनोद ठेकेदारों धंधेबाजों पर धर्म के .
badhiya...
ReplyDeletebahut khoob ...
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ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति!
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