दोहे न सोहे उन्हें, गढ़ें कुण्डली - गान |
लाले पड़ते जान के, सोये चादर तान |1|
तेरहवीं की सरकारी कोशिश
मकड़-जाल में फिर फँसा, तेरह दिन का तप |
कडुआ - कडुआ थू करे, मीठा - मीठा गप |3|
टालू-रवैया
फूंक-फूंक के रख रहे, अपने पग मक्कार |
कहे नहीं दो टूक वे, थी जिसकी दरकार |2|
जलेबी


ओमपुरी से हो खफा, मांसाहारी दोस्त |
कल से खाना छोड़ते, वे मुर्दों का ग़ोश्त |4|
ताज़ा ग़ोश्त

पैरों पर अपने करे, कौन कुल्हाड़ी वार |
टोपी से अन्ना कहें, पैरों को दे मार |5|
नादान अन्ना

स्वामी फिर पकड़ा गया,
धरे शिखंडी-वेश,
सिब्बल के षड्यंत्र से,
धोखा खाता देश,
धोखा खाता देश,
वस्त्र भगवा का दुश्मन,
टीमन्ना से द्वेष,
कराता उनमे अनबन,
अग्नि का उद्देश्य, पकाता अपनी खिचड़ी,
है धरती पर बोझ, बुनाये जाला-मकड़ी ||
धरे शिखंडी-वेश,
सिब्बल के षड्यंत्र से,
धोखा खाता देश,
धोखा खाता देश,
वस्त्र भगवा का दुश्मन,
टीमन्ना से द्वेष,
कराता उनमे अनबन,
अग्नि का उद्देश्य, पकाता अपनी खिचड़ी,
है धरती पर बोझ, बुनाये जाला-मकड़ी ||
बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteजन आन्दोतन की विजय पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।
अन्ना की तेरहवीं मत कहिये ... जनता की जीत है यह ..
ReplyDeleteपैरों पर अपने करे, कहाँ कुल्हाड़ी वार |
ReplyDeleteटोपी से अन्ना कहें, पैरों को दे मार |5|
नादान अन्ना
बिलकुल सही कहा है आपने.
पहेली संख्या -४२
लोकतंत्र की इस जीत की शुभकामनाये....
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
ReplyDeleteफूंक-फूंक के रख रहे, अपने पग मक्कार |
ReplyDeleteकहे नहीं दो टूक वे, थी जिसकी दरकार |2|रविकर जी ,दिनकर जी ,"कपिल मुनि के तोते "लिखने जा रहे थे ,सोचा लिखने से पहले आपसे सांझा कर लिया जाए ,कल दोहे का रूप लेलेगा .तो सुन मेरे भाई ये स्वामी अग्नी बीज यकायक कैसे मंच से रंग मंच में पहुँच गए .ये कोंग्रेसी कपिल मुनि उर्फ़ सिब्बल से संपर्क साधे हुए थे अन्ना जी की टोली ने इनके संवाद मुनिकपिल जी के साथ सुन लिए ,ज़नाब फरमा रहे थे ,बहुत जल्दी गिव अप कर दिया आपने .
टोली अन्ना कल से इनसे पूछ रही है -भैया भगवा ,कपट पंडित,कपट वेश ये "कपिल मुनि "कौन हैं ,भूमि गत हो गये हैं ये कुतर्क -पंडित .,,,
आज संसद के विशेषाधिकार हनन की तलवार -ए - तोहमत माननीय किरण बेदी पर लटकाने वाले,ॐ पुरी पे गुस्साए हमारे सांसद, उस वक्त कहाँ थे जब कोंग्रेस के एक प्राधिकृत प्रवक्ता ने भारत की संसद को आतंक के साए में रखने वाले विश्व के सबसे खूंखार दहशद गर्द (आतंकवादी ) "ओसामा बिन लादेन "को ओसामा बिन जी कहकर उनके इस्लामिक रीति -रिवाज़ से सुपुर्दे ख़ाक करने की हिदायत ओबामा साहब को दी थी .कहा था सुपुर्दे ख़ाक सबको आदर पूर्वक किया जाना चाहिए ।
ReplyDeleteये ज़नाब उनका मकबरा बनवाकर उस स्थान को क्या मदीना बनवाना चाहते थे ?
शुभकामनाये....
ReplyDeleteHi I really liked your blog.
ReplyDeleteI own a website. Which is a global platform for all the artists, whether they are poets, writers, or painters etc.
We publish the best Content, under the writers name.
I really liked the quality of your content. and we would love to publish your content as well. All of your content would be published under your name, so that you can get all the credit for the content. This is totally free of cost, and all the copy rights will remain with you. For better understanding,
You can Check the Hindi Corner, literature and editorial section of our website and the content shared by different writers and poets. Kindly Reply if you are intersted in it.
http://www.catchmypost.com
and kindly reply on mypost@catchmypost.com