प्यार बढ़े मदहोश हों, बेशक औरत मर्द |
मदद दूसरा क्यों करे, बढ़ जाए जब दर्द ??
मदद दूसरा क्यों करे, बढ़ जाए जब दर्द ??
पंखो को फैला उड़ा , मिला खुला आकाश |
जीवन-नौका से करूँ, खुद की खुदी तलाश ||
सब्जी फल खुब खाइए, सदा दोपहर शाम |
ठीक हाजमा रहेगा, सुबह-सुबह आराम ||
पैदल चलने से सरल, नहीं है कोई योग |
सेहत की सेहत सही, बने बचत का जोग ||
भोजन के दरम्यान तू, पानी पीना स्वल्प |
घरी बाद पी प्रेम से, काया काया-कल्प ||
छोरे के सम्मुख सदा, रहो धीर गंभीर |
अगर छिछोरापन किया, छोरा देगा पीर ||
कुंडली
आज धृष्टता-दुष्टता, करती जय-जयकार |
खच्चर बनके शिष्टता, डूब रही मझधार |
डूब रही मझधार, दुष्ट-जन हुए दिविष्ठी |
लक्षण दिखे अरिष्ट, छीन कर खाए मिष्टी |
रविकर कुंठा ग्रसित, जीतती यहाँ भ्रष्टता |
रविकर कुंठा ग्रसित, जीतती यहाँ भ्रष्टता |
शिष्टता हुई कमजोर, बलवती आज धृष्टता ||
अरिष्ट लक्षण-मृत्य के लक्षण
दिविष्ठ - स्वर्ग में रहने वाला
बहुत सुन्दर वाह!
ReplyDeleteदोहे और कुंडली दोनों अतिउत्तम हैं !दोहों के माध्यम से तो बहुत अच्छी शिक्षा दी है !आभार
ReplyDeleteवाह दिनेश जी ... मज़ा आ गया इन दोहों और कुंडलियों को पढ़ के ... और पहला वाला दोहा तो कमाल का है ...
ReplyDeleteक्या बात है,
ReplyDeleteबहुत बढिया, आपको पढकर वाकई आनंद आताहै।
सब्जी फल खुब खाइए, सदा दोपहर शाम |
ReplyDeleteठीक हाजमा रहेगा, सुबह-सुबह आराम ||खुराकी रेशे पेट साफ़ करतें हैं जिनका सब्जी में डेरा होता है .बोवेल मूवमेंट को गतिमान करतें हैं .
बहुत बढ़िया लिखा है ....
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी की गई है! आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो
ReplyDeleteचर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
पंखो को फैला उड़ा , मिला खुला आकाश |
ReplyDeleteजीवन-नौका से करूँ, खुद की खुदी तलाश ||
जीवनोपयोगी दोहे और कुंडलियां।
बहुत बढि़या।
पढकर वाकई आनंद आ गया..बहुत बढि़या।
ReplyDeleteप्यार बढ़े मदहोश हों, बेशक औरत मर्द |
ReplyDeleteमदद दू
सरा क्यों करे, बढ़ जाए जब दर्द ??
पैदल चलने से सरल, नहीं है कोई योग |
सेहत की सेहत सही, बने बचत का जोग ||
सार्थक सौदेश्य ,दोहे .आभार रविकर जी .
सार्थक सौदेश्य ,दोहे .और कुण्डलियाँ आभार रविकर जी .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लगा ! शानदार प्रस्तुती!
ReplyDeleteदुर्गा पूजा पर आपको ढेर सारी बधाइयाँ और शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
.सुन्दर भावाभिवाक्ति बधाई .
ReplyDeleteवाह ...बहुत बढि़या।
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