Tuesday 12 February 2013

अय्यासी यासीन की, श्री हाफिज के साथ-




संतोष त्रिवेदी
हाफिज सईद को हमने नहीं बुलाया था,वह अपने आप आकर पास में बैठ गया- यासीन मलिक

.कितना भोले हो तुम यासीन....यह इस सदी का ऐतिहासिक बयान है :-)

अय्यासी यासीन की, श्री हाफिज के साथ |
गिफ्ट मिनिस्टर भेजते, वीजा हाथों-हाथ |

वीजा हाथों-हाथ, गलत-फहमी मत पालो |
संघी भाजप दुष्ट, यहाँ से शीघ्र हंकालो ।


बढ़िया वो आतंक, नहीं देंगे अब फांसी ।
करने दो कुछ रोज, मियां उसको अय्यासी ।।


कहाँ हो तुम ...
  (दिगम्बर नासवा) 

 स्वप्न मेरे...........
पाया सबने प्रेम नित, सच्चा आशिर्वाद |
कई पडोसी कष्ट में, करते थे फ़रियाद |
करते थे फ़रियाद, होय माँ दुख में शामिल |
सेवा औषधि प्यार, बना दे उनको काबिल |
ऊँगली उनकी पकड़, राह सच्ची दिखलाया |
मानव मन की छोड़, हँसे पक्षी चौपाया ||

आदरणीय रश्मि प्रभा जी का जन्‍मदिन .... !!!!


सदा 
 SADA  

माँ सी पावन प्रभा यह, दे सँवार संसार |
शब्दों का रिश्ता मधुर, भावों की मनुहार |


भावों की मनुहार, रश्मियाँ शुद्ध कर रहीं |
नीति नियम आदर्श, देह में रोज भर रहीं |


रहे सदा ही स्वस्थ, अनुग्रह कर अविनाशी |
शुभकामना असीम, ब्लॉग पर पाऊँ माँ सी ||

 अफजल कि फांसी और राजनीति का गहरा संबंध है !!

पूरण खण्डेलवाल 
यानों को देते उड़ा, करें नेस्तनाबूद |
झटपट किन्तु वसूलता, अमरीका मय सूद | 


अमरीका मय सूद, दूध हम यहाँ पिलाते |
अपनी संसद पाक, पाक लेकिन दहलाते |


राजनीति का खेल, खेल खुल्ला शैतानों |
महज वोट अभियान, धत धत अरे बयानों ||



रश्मि शर्मा  


रोज रोज के चोचले, रोज दिया उस रोज |
रोमांचित विनिमय हुआ, होती पूरी खोज |

होती पूरी खोज, छुई उंगलियां परस्पर |
चाकलेट का स्वाद, तृप्त कर जाता अन्तर |

वायदा कारोबार, आज तो हद हो जाती |
हो आलिंगन बद्ध, बसन्ती ऋतु मदमाती ||


जल्दी शादी और रेप..... डा श्याम गुप्त


shyam gupta 

कहती डाक्टर इंदिरा, कारण बड़े सटीक ।
जल्दी शादी है सही, है उपाय यह नीक ।

 है उपाय यह नीक, भूख ले जाय रेस्तराँ ।
सोवे टूटी खाट, नींद से होय-अधमरा  ।

पॉकेट में है माल, भूख काया ना सहती ।
 खाए जूठा भात, बुद्धि भी कुछ ना कहती ।।

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