Swasti Medha को Rupal Srivastava की फ़ोटो में अंकित किया गया. — Kanpur, Uttar Pradesh में
जुडवा बहने दिख गईं, जुड़े जुड़े से गाल | 
घूमें दोनों साथ ही, करती फ़िरे बवाल | करती फ़िरे बवाल, सदा ही गाल बजाती | रही बिगड़ती चाल, नहीं पर कभी लजाती | करिए सर्जन अलग, ढूँढ़ता तब तक बुढवा | हो जाए शुभ व्याह, जाँय घर दोनों जुडवा ||  | 
 
  खत,जो कभी पहुँच नहीं पाए !(१)संतोष त्रिवेदी
बैसवारी baiswari 
गोला झोला में रखे , रहे याद ले घूम | जब तब हौले से अधर, लेते गोले चूम | लेते गोले चूम, तभी पड़ जाये डंडा| साथी भाड़े खेल, पडूं ना लेकिन ठंडा | रुसवाई का खौफ, किन्तु मेरा दिल भोला | करे नहीं संतोष, गुलाबी होता गोला ||  | 
 
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  एक चिड़िया ही तो थी,घायल हुई -सतीश सक्सेना  
 Satish Saxena  
  
चिड़ीमार करता रहा, चौचक चुटुक शिकार | 
दर्शक ताली पीटते, है सटीक हर वार | है सटीक हर वार, आज क्यूँ पीटे माथा | चिड़ीमार लिख रहे, यहाँ अब दानव गाथा | अब मारे इंसान, भूलिए बातें पिछड़ी | अब आगे की सोच, पकाते अपनी खिचड़ी ||  | 
 
  मेरी मोहतरमा !
 पी.सी.गोदियाल "परचेत"  
  मो को होता मोह है, मोहित अंतर मोम । हत री मेरी रमा हत, करे खड़े कुल रोम । करे खड़े कुल रोम, भयानक होती छोरी । हरे माल असबाब, कराके नंगा झोरी । लेकिन फिर भी प्यार, सदा आशीशूँ तो को । अंधड़ से इंसान, बनाती जो है मो को ॥  | 
 
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  सदा  
दीवारी सरगोशियाँ, सिसक उठी दहलीज ।  
बदले रूह लिबास तो, रहे लोग क्यूँ खीज ।  
रहे लोग क्यूँ खीज, छीजती जाय जिंदगी । 
हिचकी लेता दर्द, हुई जाए बेअदबी ।  
रिश्तों को पहचान, नहीं हों रिश्ते भारी ।  
मिलें आत्म परमात्म, मनाते चल दीवारी ॥  
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Surendra shukla" Bhramar"5  
भारत माता पालती, सच्चे धर्म सपूत | 
दुष्टों की खातिर रखे, फंदे भी मजबूत | फंदे भी मजबूत, मगर वह चच्चा चाची | चांय-चांय छुछुवाय, घूमती नाची नाची | प्रावधान का लाभ, यहाँ आतंकी पाता | सत्ता यह कमजोर, करे क्या भारत माता ||  | 
 
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Asha Saxena  
    
ना ही नीचे धरा पर, ना ऊपर भगवान् | 
इनको मिलनी है जगह, ना ही निकले जान | ना ही निकले जान, जिंदगी भर तडपेंगे | निश्चय ही हैवान, धरा पर पड़े सड़ेंगे | पीते रहते खून, मारकर सज्जन राही | कौन करेगा माफ़, हुई हर जगह मनाही ||  | 
 
 
 
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ... आभार आपका
ReplyDeleteसुन्दर सुन्दर लिंक ............आभार !!
ReplyDeleteबढिया दिल्ल्गी
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुतीकरण,सादर आभार.
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति .बहुत खूब,
ReplyDeleteलिंक्स पर अच्छे कमेन्ट हैं |
ReplyDeleteआशा