Tuesday, 1 October 2013

नमो नमो का मन्त्र, जपें क्यूंकि बरबंडे -


आलू-बंडे से अलग, मुर्गी-अंडे देख -


आज तक

-खंडवा जेल से फरार हुए सिमी के 7 कार्यकर्ता, बाथरूम की दीवार कूदकर भागे--

आलू-बंडे से अलग, मुर्गी अंडे देख |
बा-शिन्दे अभिमत यही, भेजें यह अभिलेख |

भेजें यह अभिलेख, नहीं भेजे में आये |
गिरा आम पर गाज, बड़ा अमलेट बनाए |

भेदभाव कुविचार, किचन कैबिनट में चालू | 
 अंडे हुवे विशेष, हमेशा काटे आलू ||

(2)
बंडे-आलू काट झट, गृह मंत्री की डांट |
बा-शिन्दे अभिमत यही, अंडे लेना छाँट |

अंडे लेना छाँट, अगर दागी है फेंको |
हों मुर्गी के ठाठ, रास्ता मत ही छेंको | 

अब सत्ता की *पोच, बना देंगे ये अंडे |
नमो नमो का मन्त्र, जपें क्यूंकि बरबंडे -

*आमलेट की तरह का एक अंडा डिश  


In Depth Fodder Scam Lalu Prasad Convicted Time Line Fodder Scam


SM


गौशाले में गाय खुश, बछिया दिखे प्रसन्न |

बछिया के ताऊ खफा, छोड़ बैठते अन्न |

छोड़ बैठते अन्न, सदा चारा ही खाया |

पर निर्णय आसन्न, जेल उनको पहुँचाया |

करते गधे विलाप, फायदा लेने वाले |

चारा पाती गाय, हुई रौनक गौशाले ||




दोहे/ प्रेम

देह नेह दुःख गेह है, किंचित नहिं संदेह |
आशा करते मेह की, खा ओले *अवलेह ||

*चटनी 

कुलवंत हैप्‍पी 

वारे न्यारे कब किये, कब का चारा साफ़ |
पर कोई चारा नहीं, कोर्ट करे ना माफ़ |

कोर्ट करे ना माफ़, दिखे करनी सी भरनी |
गौशाला आबाद, ,पार करले वैतरणी |

फटता अध्यादेश, कहाँ अब जाय पुकारे |
गैयों में आनंद, विलापें गधे दुवारे  |




पट्टे टें टें कर उठा, राम-राम को भूल |
मिर्ची से कडुवे लगे, पुन: सुपुत्र उसूल |
पुन: सुपुत्र उसूल, तूल ना देते बप्पा |
पोता रहे खिलाय, वंश का जिस पर ठप्पा |
पुत्र बसा परदेश, करें क्यूँ रिश्ते खट्टे |
माता देती डांट, करे चुप अपना *पट्टे |
*तोता

भारत के रत्न मान पायें भारत के बाहर .

 Shalini Kaushik

तीखा हमला कर रहे, जब अपने युवराज  |
इनसे आगे चल पड़े, मोदी और नवाज |
मोदी और नवाज, शराफत दोनों छोड़ें |
त्याग समर्पण कर्म, प्यार के हाथ मरोड़ें |
पी एम् गांधी भक्त, बात जनपथ की भाती |
बोलो साध्वी नारि, नहीं औरत देहाती ||  



जीवन की संजीवनी, है हौंसला अदम्य |
दूर-दृष्टि हो प्रभु कृपा, पाए लक्ष्य अगम्य ||


ग़ज़ल : हमारा प्रेम होता जो कन्हैया और राधा सा


बाधा हरते श्याम कब, हैं अपने में लीन |
राधा प्रेम प्रवीन, साँवरे व्यस्त हुवे हैं |
खाईं खन्दक ढेर, नहीं अब जाए साधा |

कितनी सारी रानियाँ, राधा प्रेम प्रवीन |
खाई हमने मात, खुदे उस ओर कुंए हैं |
दिखे युद्ध आसन्न, महाभारत की बाधा |

7 comments:

  1. सुन्दर प्रस्तुति-

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति..

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  3. हम भी यही कहते हैं जिनका भारत की सम्पत्ति पर पहला हक़ है उनकी गिरफ्तारी अवैध घोषित की जाए ,इन्हें गिरिफ़्तार करना मनमोहन का अपमान है पहले मनबुद्धि ने किया अब ....शिंदे ठीक कर रहें है ठीक ठीक रहंक रहें हैं ....इतने बड़े प्राजातंत्र का गृहमंत्री है जो कुछ कहेगा सोच समझके ही कहेगा।

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