Thursday 29 September 2016

पी ओ के अपनी धरा, धरो मगज में बात-

पी ओ के की गन्दगी, सैनिक रहे हटाय।
इसी स्वच्छता मिशन से, पाक साफ हो जाय।।

पी ओ के अपनी धरा, धरो मगज में बात।
आते जाते हम रहें, दिन हो चाहे रात।।



चौड़ी छाती हो गयी, रविकर छप्पन इंच।
धूर्त मीडिया को करे, वार-सर्जिकल पिंच।
वार सर्जिकल पिंच, रखैलें बरखा दत्ती।
रही खोजती लोच, जला के दिन में बत्ती।
ह्युमेन राइट आज, करेगा हरकत भौंड़ी।
भड़ुवे करें विलाप, भक्त खा रहे कचौड़ी।।



मना मुहर्रम उरी में, धुरी चुकी है घूम।
मची पाक में खलबली, दीवाली की धूम।
दीवाली की धूम, बूम बुम बम बम बारी।
परेशान था देश, किन्तु करके तैयारी।
देते धावा बोल, पूर्ण कर रहे कामना।
करो ठीक भूगोल, तिरंगा उच्च थामना।।

4 comments:

  1. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (01-10-2016) के चर्चा मंच "आदिशक्ति" (चर्चा अंक-2482) पर भी होगी!
    शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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