प्रवंचक दे रहे प्रवचन सुने सब अक्ल के अंधे।
बड़े उद्योग में शामिल हुये अब धर्म के धंधे।।
अगर जीवन मरण भगवान के ही हाथ में बाबा।
सुरक्षा जेड श्रेणी की चले क्यों साथ में बाबा।
हमेशा मोह माया छोड़ना रविकर सिखाते जब
बना क्यों पुत्र को वारिस बिठाते माथ पे बाबा।।
समस्यायें सुनाते भक्त दुखड़ा रोज गाते हैं।
समझ भगवान बाबा को सदा दरबार आते हैं।
मगर जब रेप का आरोप बाबा पर लगे रविकर
वकीलों की बड़ी सी फौज तब बाबा बुलाते हैं।।
पड़ा बीमार जब वह भक्त पूजा-पाठ करवाये।
दुआ-ताबीज़ बाबा की मगर कुछ काम ना आये।
तबीयत किन्तु बाबा की जरा नासाज क्या होती
दुआयें भक्त तो करते, चिकित्सक किन्तु बुलवाये।।
वाह
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (07-11-2017) को
ReplyDeleteसमस्यायें सुनाते भक्त दुखड़ा रोज गाते हैं-; 2781
पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'