Tuesday 26 November 2013

फरक उठे अंगांग, कमर के नीचे खेला-

#‪#‎Tehelka‬

तहलका के हलका होने की सत्‍यकथा
‪#‎CelebritiesIWantToSeeNaked‬ A E - 210 तहलका कैसे हुआ हलका : दैनिक जनसंदेश टाइम्‍स स्‍तंभ 'उलटबांसी' 26 नवम्‍बर 2013 में प्रकाशित


बढ़िया यह अंदाज है, उलटबाँसियाँ धन्य |
इतना बेहतर लिख सके, यहाँ कहाँ है अन्य |

यहाँ कहाँ है अन्य, तहलका रहा मचाता |
करता कृत्य जघन्य, बड़ी कालिमा कमाता |

चुन पिकनिकिया दोस्त, रंगा ले काली दढ़िया |
खाय मांसल गोश्त, करे प्रायश्चित बढ़िया-


जैसे ही लिफ्ट का दरबाजा खुला 
मैनें अपना अंडरवीयर उपर उठाया और बाहर भागी...
वह दरिंदा अभी भी मेरे पीछा कर रहा था...
मित्रों दरिंदगी यही खत्म नहीं हुई....
मित्रो तरूण तेजपाल से इस महिला पत्रकार ने जो कुछ किया वो दिल्ली में पिछले वर्ष हुए जघन्य अपराध से कम नहीं क्योंकि इस जानवर ने इस लड़्की से उसी तरह जोर जबरदस्ती की जिस तरह चलती बस में उन दरिंदों ने की थी बस फर्क इतना है कि इस दरिंदे के पास लोहे की छड़ नहीं थी वरना अगर आप परा वयौरा पढ़ोगे तो ये दरिंदा भी वही सब करने जैसे दरिंदगी पर उतारू था..
सुनील दत्त 

 दोहन को शोषण किया, गटक समूची भांग |
प्यार वासना में फरक, फरक उठे अंगांग |

फरक उठे अंगांग, कमर के नीचे खेला |
सत्साहस संघर्ष, टली वह संकट-बेला |

किन्तु तेज यह धूर्त, तहलका पर सम्मोहन |
जब सत्ता में पहुँच, करे वर्षों से दोहन ||



जो जमात लोकपाल के पक्ष के दखाई देता है , वही जमात अब तेजपाल के पक्ष में दिखाई दे रहा है ..

दिखायी दिए यूँ , मगर इस तरह कुछ ...


कितना अच्छा तुक मिला, लोकपाल के साथ |
तेज पाल के सर मगर, सदा रहा है हाथ | 
सदा रहा है हाथ, कमंडल-मंडल दुश्मन |

काला कौआ आज, दिखाया लेकिन दर्पन | 
तेज पाल का तेज, भाग  ले चाहे जितना |

है गोवा सरकार, छुपेगा आखिर कितना ||

मामा की शह पाय के, तरुणाई मदहोश |
लिफ्ट करा दे कैरियर, चित्र-जाल का जोश | 
चित्र-जाल का जोश, तहलका रहा मचाता |
कर के नोच-खसोट, आज लेकिन भन्नाता | 
राजनीति पर दोष, बता के दोषी भामा | 
चला बचाने जान, बचा पाये ना मामा ||
आज दुनिया के माँ -बाप शर्मसार हुए !
केवल दो इंसानों का कत्ल नहीं था ,इंसानी भरोसे का घिनौना क़त्ल था !
माँ -बाप से ज्यादा सुरक्षा तो भगवान के पास भी नहीं है !
बच्चो की गलतियों पर इतना हायपर नहीं होना चाहिए कि हम अपना आपा ही खो जाएँ और फिर ऎसी स्थिति आ जाए कि जो माँ -बाप के रिश्ते की हत्या हो जाये
आरूषि की हत्या के कसूरवार राजेश तलवार और नुपुर तलवार को आज कोर्ट ने मान लिया है , सजा कल सुनाई जायेगी !दोनों को कस्टडी में ले लिया गया है !
जो भी सबूत सामने आये ,उनके अनुसार ये दोनों दोषी नजर आ ही रहे थे !
बड़ी तेज तलवार है, बड़ा साधु वाचाल |
चालबाज चालाक ठग, ठोक रहे हैं ताल |

ठोक रहे हैं ताल, कहीं नूपुर सी जागृति |
जो भी हुआ अधीन, भोगता वो ही दुर्गति |

रविकर रहे सचेत, नहीं कर जाय हड़बड़ी |
पहचाने संकेत, होय फिर नहीं गड़बड़ी ||

कहानी- सवाल एक करोड़ का

savan kumar 








बेटा लगता दाँव पर, युद्ध-क्षेत्र में भीड़ |
अब नकार हुंकार या, तिनके तिनके नीड़ |

तिनके तिनके नीड़, चीर दे कई कलेजे |
यह तो टुकड़ा एक, करोड़ों कहाँ सहेजे | 

बिखर गए अरमान, कौन था उस दिन लेटा |
जब बिछ गई विसात, कौन फिर किसका बेटा ||

आम आदमी सा धरे, जहाँ पार्टी नाम-

एकाकी उस नाम से, औरत का क्या काम |
आम आदमी सा धरे, जहाँ पार्टी नाम |

जहाँ पार्टी नाम, कटे आधी आबादी |
रहें साथ कुछ ख़ास, ख़ास कुछ अम्मा दादी |

बदल आदमी सोच, उपेक्षा है अबला की |
मारे पंजा खोंच, उधर न जाए काकी ||

नित रविकर मनहूस, खाय धोखे पे धोखे-

धोखे देता जा रहा, कब से एक अनार |
सब्जबाग दिखला रहा, आम कई बीमार |

आम कई बीमार, बचे हैं ओस चाटकर |
ख़ास खा रहा खार, सदा अधिकार मारकर |

संसाधन ले चूस, प्रगति के सोते सोखे |
नित रविकर मनहूस, खाय धोखे पे धोखे ||







हौले हौले नजर मिलाई, प्रेम पाश ने जकड लिया,-
पर थाने जब करी शिकायत हक्के बक्के लगते हैं-

2 comments:

  1. बहुत सुंदर टिप्पणियां !

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  2. तेज पाल का तेज, भाग ले चाहे जितना |
    है गोवा सरकार, छुपेगा आखिर कितना ||

    बहुत सुन्दर है .

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