Monday, 24 October 2016
मरते रहे जवान, होय तेरह दिन स्यापा
व्यापारी फिल्मी जगत, कलाकार चुपचाप।
डाक्टर अधिवक्ता मगन, एक्टीविस्ट प्रलाप।
एक्टीविस्ट प्रलाप, खिलाड़ी नेता सारे।
इति अंधा कानून, बाँधता हाथ हमारे।
मरते रहे जवान, होय तेरह दिन स्यापा।
इसीलिए आतंक, विश्व भर मे है व्यापा।।
1 comment:
सुशील कुमार जोशी
24 October 2016 at 04:17
सटीक ।
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सटीक ।
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