Wednesday, 28 September 2011
चि त म्भ र म --
चित्त-विभ्रम
चितम्भरम ||
सत्ता-धर्म-
उलट-कर्म
पर बेशर्म
राजा फर्म
गिरवी मर्म
वित्त-विभ्रम |
चितम्भरम ||
खक्ख-शाह
देत पनाह
धनप्रवाह-
जन-कराह
वाह-वाह
दामा-शाह
राजस-दम |
चितम्बरम ||
शोर चरम |
चितम्भरम |
1 comment:
Rajesh Kumari
28 September 2011 at 22:02
ye kya kya kah dala?
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ye kya kya kah dala?
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